अब न ‘हिजाब’ की कहानी की चर्चा है न ‘हर्षा हिंदू’ के मर्डर की कहानी की चर्चा है और न नवाब मलिक के कथित धनशोधन और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी की कहानी की चर्चा है।