प्रोफेसर गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। कुलपति ने बाद में कार्यकारी परिषद के फैसले के खिलाफ तेलंगाना उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त किया।