अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की ओर से ‘स्विफ्ट’ जैसी संस्था से रूसी बैंकों को निकाल दिया जाना एक ताकतवर आर्थिक हथियार के प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है।