बदलाव का दौर है। पुरुष या महिलाओं को अपने अंदर झांकते हुए खुद को दुरुस्त करने की कदम-कदम पर जरूरत है, ताकि ठीक से तालमेल बना रहे और पारिवारिक ढांचा न बिखरे।