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बरसो रे मेघा बरसो

बरसो रे मेघा बरसो

बाहर मेघ बरस रहा है। आंगन में बूंदें थिरक रही हैं। पानी सांप की तरह दौड़ रहा है। जैसे गौने से लौटी बेटी नैहर देख हुलस पड़ती है। मेघ भी हुलस-हुलस बरस रहा है।

8 July 2022 5:36 AM GMT