हर राजनीतिक दल सत्ता में आने से पहले रोजगार के नए अवसर सृजित करने के बढ़-चढ़ कर दावे करता है, मगर हकीकत में वह अपने वादे को पूरा नहीं कर पाता। इसी का नतीजा है