पहली बारिश की अपनी तासीर है। बड़ी चतुराई से बारिश आसमान को पूरा ढंक कर धरती को चूनर ओढ़ा देती और सारी तपिश मिटा देती है। वह तपिश जो सिर उठाए थी, आम, अंगूर, खरबूज, तरबूत में घुली हुई थी