आपदा के वक्त अपेक्षा की जाती है कि लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ, जाति-धर्म-वर्ग-वर्ण जैसे संकीर्ण दायरों से ऊपर उठ कर एक-दूसरे का सहयोग करें,