इक्कीसवीं सदी के भारत में बड़ा परिवर्तन नौकरशाही में सुधार से ही संभव होगा। इसे वक्त के साथ बदलना बेहद जरूरी है। पचास के दशक की कार्य-संस्कृति से न तो भारतीय रेल चलाई जा सकती है