भारत और रूस के बीच शीर्ष स्तर पर हुई बातचीत का स्पष्ट संकेत यही है कि वैश्विक राजनीति भले अपने ढंग से चलती रहे, लेकिन दोनों देशों के रिश्तों पर उसका कोई असर नहीं पड़ने वाला।