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बार-बार वही रार भरी अदालत में खाकी-वर्दी को मुंसिफ की फिर खुलेआम फटकार! आखिर क्यों?

बार-बार वही 'रार' भरी अदालत में 'खाकी-वर्दी' को मुंसिफ की फिर खुलेआम फटकार! आखिर क्यों?

अमूमन हमारे देश में आपराधिक मुकदमों की सुनवाई में देरी होने का ठीकरा हिंदुस्तानी ‘अदालतों’ के सिर पर ही फूटता देखा-सुना जाता रहा है

9 Sep 2021 2:20 PM GMT