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लगातार तीसरे वर्ल्ड कप से बाहर युजवेंद्र चहल का छलका दर्द

Rani Sahu
1 Oct 2023 7:48 AM GMT
लगातार तीसरे वर्ल्ड कप से बाहर युजवेंद्र चहल का छलका दर्द
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नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने विश्व कप के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि अब ड्रॉप होने की आदत सी हो गई है। ये उनकी जिंदगी का हिस्सा हो चुका है। ये पहला मौका नहीं है जब चहल को टीम मैनेजमेंट ने नजरअंदाद किया है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है।
हालांकि, कोच और कप्तान ने इस फैसले के पीछे वजह बल्लेबाजी में गहराई लाना बताया है, लेकिन घरेलू सरजमीं पर युजवेंद्र चहल जैसे शानदार स्पिन गेंदबाज को बाहर रखने के फैसले पर कई क्रिकेट दिग्गज ने भी हैरानी जताई है। अब, इस मुद्दे पर चहल ने खुलकर अपनी बात रखी है।
चहल को 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक घरेलू धरती पर होने वाले विश्व कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम में जगह नहीं मिली।
विजडन इंडिया ने चहल के हवाले से कहा, "मैं समझता हूं कि केवल 15 खिलाड़ी ही इसका हिस्सा हो सकते हैं, क्योंकि यह एक विश्व कप है। जहां आप 17 या 18 को नहीं ले सकते। मुझे थोड़ा बुरा लगता है, लेकिन जीवन में मेरा उद्देश्य आगे बढ़ना है। उन्होंने हंसते हुए कहा, मुझे अब इसकी आदत हो गई है...तीन विश्व कप हो गए हैं।"
2019 के बाद से चहल आईसीसी टूर्नामेंट में भाग लेने में कामयाब नहीं हुए हैं। 2016 में अपने डेब्यू के बाद से भारत की सफेद गेंद वाली टीम में नियमित रूप से चहल ने खेला था। उन्हें इंग्लैंड में 2019 विश्व कप में 12 विकेट लिए थे।
विश्व कप से उनका बाहर होना एक बड़ी चर्चा का विषय था। महान ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह जैसे कई पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि चहल को टीम में लिया जाना चाहिए था। इस बीच, चहल केंट के साथ तीन मैचों की काउंटी चैंपियनशिप के लिए इंग्लैंड चले गए और अब उनका ध्यान भारत के लिए टेस्ट खेलने का मौका पाने पर है।
चहल ने कहा, "मैं यहां (केंट में) खेलने आया हूं क्योंकि मैं किसी भी तरह कहीं न कहीं क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मुझे यहां लाल गेंद से मौका मिल रहा है और मैं गंभीरता से भारत के लिए लाल गेंद से खेलना चाहता हूं। इसलिए यह मेरे लिए एक अच्छा अनुभव था।"
टीम में अन्य स्पिन गेंदबाजों और भारत के वर्ल्ड कप सफर पर चहल ने कहा, "निश्चित रूप से वे अच्छा कर रहे हैं और मैं इसकी सराहना करता हूं। मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत जीते, क्योंकि यह कोई व्यक्तिगत खेल नहीं है। मैं टीम का हिस्सा हूं या नहीं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे चुनौती पसंद है और यह मुझे बताती है कि मुझे कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है ताकि मैं टीम में वापसी कर सकूं।"
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