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आजीविका चलाने के लिए कार धोने का काम रह रहे ग्रीको रोमन पहलवान सनी जाधव की आखिरकार समस्या हल हो गई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आजीविका चलाने के लिए कार धोने का काम रह रहे ग्रीको रोमन पहलवान सनी जाधव की आखिरकार समस्या हल हो गई है। सनी जाधव की खबरें जैसी है मीडिया में आई कि उनको घर चलाने के लिए कार धुलनी पड़ रही है। इसके बाद उनकी किस्मत खुल गई। जी हां, सनी जाधव को अब भारतीय रेलवे में खेल कोटे से नौकरी मिल गई है। इस बात का आधिकारिक ऐलान हो गया है। जाधव भी इस बात से खुश हैं।
इंदौर से 60 किग्रा में राष्ट्रीय रजत पदक विजेता जाधव ने कहा, "एक नियमित सरकारी नौकरी मुझे और मेरे परिवार को बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इससे मुझे केवल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्गित करने और अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।" 25 वर्षीय जाधव पश्चिम रेलवे में क्लर्क के रूप में शामिल हुए हैं। नौकरी से मिलने वाले वेतन से वे घर की जरूरतो को अच्छी तरह से पूरा कर पाएंगे।
2017 में उनके पिता के निधन के बाद जाधव की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। फरवरी में खेल मंत्रालय ने जाधव के लिए 2.5 लाख रुपये पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेशनल वेलफेयर फंड फोर स्पोर्ट्सपर्सन्स (PDUNWFS) की ओर से मंजूर किए थे। जाधव का कहना है कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप की तैयारी के लिए उन्होंने दोस्तों और परिवार से पैसे उधार लिए थे। कोरोना वायरस महामारी के कारण तमाम निजी संस्थान बंद हैं। ऐसे में उनको नौकरी करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब वे रेलवे में क्लर्क की नौकरी करेंगे।
जाधव ने कहा, "मैंने अपने कोच और अन्य लोगों से लिए गए कर्ज को चुका दिया है।" फरवरी में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जाधव 60 किग्रा में दूसरे स्थान पर रहे थे। रेलवे टीम के कोच कृपा शंकर पटेल ने कहा, "जाधव को प्रतिभा कोटा योजना के तहत चुना गया है जिसका उद्देश्य भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं का समर्थन करना है।"
Tara Tandi
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