खेल

कौन है Rajvardhan Hangargekar? जानिए इनके बारे में

Gulabi
5 Feb 2022 12:35 PM GMT
कौन है Rajvardhan Hangargekar? जानिए इनके बारे में
x
कौन है Rajvardhan Hangargekar?
अंडर 19 वर्ल्ड कप 2022 (Under 19 World Cup 2022) के फाइनल में भारतीय टीम का सामना इंग्लैंड से है. टीम इंडिया ने इस टूर्नामेंट में चैंपियन जैसा खेल दिखाया है. बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग तीनों क्षेत्रों में उसका प्रदर्शन शानदार रहा है. इस टीम में एक खिलाड़ी ऐसा है जिसने अपने खेल से काफी लोगों का ध्यान खींचा है. यह नाम है राजवर्धन हंगरगेकर का. वे तेज गेंदबाज हैं और निचले क्रम में तेजी से रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. कहा जा रहा है कि आईपीएल 2022 में इस खिलाड़ी के पीछे आईपीएल टीमें तिजोरियों के मुंह खोल सकती हैं. तो कौन हैं ये खिलाड़ी?
राजवर्धन हंगरगेकर महाराष्ट्र के तुलजापुर कस्बे के रहने वाले हैं. वे यहां पर टेनिस बॉल से खेलते हुए आगे बढ़े. शुरुआत में वे ऑफ स्पिनर थे. जब वे 14 साल के थे तब उन्होंने तेज गेंदबाजी करना शुरू किया. ओस्मानाबाद के लिए शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें 2016-17 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए चुना गया. इस दौरान टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच तेजस मातापुरकर का ध्यान इस खिलाड़ी ने खींचा. वे इस खिलाड़ी की प्रैक्टिस के मुरीद हो गए और उन्होंने उन्हें स्टालियन नाम दिया.
मातापुरकर ने राजवर्धन के बारे में स्पोर्टस्टार को बताया, उसके काम करने का तरीका और बॉलिंग स्पीड कमाल की थी. इसलिए मैं उसे कहता था कि घर पर रहने के बजाए पुणे में रहकर फिटनेस पर काम करे. वह आने को तैयार था लेकिन मदद की जरूरत थी. इसलिए मैंने उसे मेरे घर आने और वहीं रहने को कहा. अब राजवर्धन किराए के अपार्टमेंट में रहते हैं लेकिन उनका अधिकतर समय मातापुरकर के घर पर ही गुजरता है.
राजवर्धन ने पुणे जाने के बाद अपनी रनिंग पर काफी काम किया और उसे तेज गेंदबाजी के लायक बनाया. इसके लिए उन्होंने तेज दौड़ के जाने-माने कोच संजय पाटनकर से मदद ली. सात-आठ महीनों तक राजवर्धन ने पाटनकर के साथ रहकर काम किया और ट्रेनिंग की. इसका फायदा हुआ और 2018 तक राजवर्धन की कदकाठी तेज गेंदबाज जैसी हो गई. यहां से वे दिलीप वेंगसरकर एकेडमी में ऋतुराज गायकवाड़ के कोच रहे मोहन जाधव के सान्निध्य में जाते हैं. जाधव ने स्पोर्टस्टार से कहा कि 2018 में राजवर्धन के पास पेस थी लेकिन उसे गेंद को स्विंग कराने की कला सीखनी थी. साथ ही बल्लेबाज को फंसाने जैसी स्किल्स भी उसके पास नहीं थी.
2018 में राजवर्धन हंगरगेकर की स्पीड 127 किलोमीटर प्रतिघंटे के आसपास थी. लेकिन अगले दो साल यानी 2020 तक यह स्पीड 137 के पास पहुंच गई. मोहन जाधव का मानना है कि अगर वह चोटिल नहीं होता है तो वह भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक होगा. अभी अंडर 19 वर्ल्ड कप में राजवर्धन हंगरगेकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 141.7 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद डाली थी. राजवर्धन हंगरगेकर घरेलू क्रिकेट में महाराष्ट्र की सीनियर टीम में जगह बना चुके हैं. उनके नाम पांच लिस्ट ए मैचों में 10 विकेट हैं. अब अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद वे भारतीय टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. (
Next Story