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नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ का निधन हो गया है. 79 साल की उम्र में परवेज़ मुशर्रफ (pervez musharraf) ने अंतिम सांस ली. भारत के साथ संबंधों के लिहाज से उनका कार्यकाल काफी विवादित रहा था, क्योंकि उनकी अगुवाई में ही पाकिस्तान ने करगिल (Kargil) में भारत को धोखा दिया था. इस जंग से क्रिकेट को लेकर भी परवेज़ मुशर्रफ की दिलचस्पी काफी ज्यादा रही है.
टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Captain Mahendra Singh Dhoni) के बालों की तारीफ करते हुए परवेज़ मुशर्रफ तो हर किसी को याद हैं, लेकिन परवेज़ मुशर्रफ का एक किस्सा और भी मशहूर है जब उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Former captain Sourav Ganguly) को फोन किया था. दरअसल, इस किस्से का जिक्र सौरव गांगुली ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में किया था. सौरव गांगुली की किताब 'ए सेंचुरी इज़ नॉट इनफ' में उन्होंने अपने पाकिस्तान दौरे का जिक्र किया. भारतीय टीम साल 2004 में पाकिस्तान गई थी और तब सौरव गांगुली ही टीम इंडिया के कप्तान थे.
सौरव गांगुली ने अपनी किताब में बताया, 'जब हम साल 2004 में पाकिस्तान गए थे, तब हमारे लिए काफी ज्यादा सुरक्षा थी. मैंने इतनी सिक्योरिटी कभी नहीं देखी थी, हम लाहौर के होटल में रुके थे और उसे एक तरह से किला बना दिया गया था. लेकिन आप यकीन नहीं करेंगे कि उस सुरक्षा के बीच में भी मैं बतौर भारतीय कप्तान उसे चकमा देने में सफल रहा था और होटल से बाहर चला गया था.सौरव गांगुली ने लिखा, 'मुझे पता था कि मैं नियमों का उल्लंघन कर रहा हूं, लेकिन बंदूकों-टैंक से बाहर निकलना जरूरी हो गया था. हमारे कुछ दोस्त पाकिस्तान की फेमस गावलमंडी में जाने का प्लान कर रहे थे, यहां पाकिस्तान का फेमस स्ट्रीट फूड मिलता है और ऐसे में मैनें भी जाने की सोची. मैंने सिक्योरिटी वालों को नहीं बताया और सिर्फ टीम के मैनेजर रत्नाकर शेट्टी को बताया. मैंने टोपी पहनी और साथ में निकल गया, वहां बाज़ार में मुझे कुछ लोगों ने पहचान लिया और पूछा कि आप सौरव गांगुली हैं ना… मैंने कुछ को मना किया तो उन्होंने कहा कि मैं उनके जैसा ही लगता हूं.
सौरव गांगुली ने इस तरह सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर गावलमंडी में खाना तो खा लिया, लेकिन अगले दिन यह बात पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ तक पहुंच गई थी. सौरव गांगुली के मुताबिक, उस रात की अगली सुबह जब वह अपने होटल रूम में थे तब उनके पास एक फोन आया और मुझे बताया गया कि राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ उनसे बात करना चाहते हैं. सौरव गांगुली ने किताब में जिक्र किया कि मैं सहम गया था क्योंकि पाकिस्तान का राष्ट्रपति भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान को फोन क्यों करेगा. परवेज मुशर्रफ ने मुझे बेहद विनम्र तरीके से कहा कि अगर आप अगली बार बाहर जाना चाहते हैं तो सुरक्षाकर्मियों को जरूर जानकारी दें, हम आपके लिए बंदोबस्त कर देंगे. लेकिन अगली बार इस तरह के एडवेंचर ना करें. मैं अजीब महसूस कर रहा था, मुझे महसूस हुआ कि वसीम अकरम की खतरनाक इन-कटर को खेलना कम मुश्किल काम था.
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