धर्म-अध्यात्म

कब है कृष्ण जन्माष्टमी, जानिए इसके महत्व

Ritisha Jaiswal
14 Aug 2021 9:21 AM GMT
कब है कृष्ण जन्माष्टमी, जानिए इसके महत्व
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भगवान कृष्ण के भक्तों को कृष्ण जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन सभी कृष्ण भक्त भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Shri Krishna Janmashtami: भगवान कृष्ण के भक्तों को कृष्ण जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन सभी कृष्ण भक्त भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं। घर और मंदिरों में कृष्ण लीलाओं की झांकियां सजाई जाती हैं। लोग व्रत और पूजन कर भगवान कृष्ण की आराधना करते हैं। मथुरा, वृंदावन, बरसाना में चारों ओर धूम रहती है।पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के पूर्णावतार श्री कृष्ण का जन्म आज से लगभग 5248 साल पहले हुआ था। ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस साल जन्माष्टमी की तिथि और विशेष संयोग के बारे में...

जन्माष्टमी पर बन रहा दुर्लभ संयोग
पौराणिक मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। माना जाता है उस दिन चंद्रमा वृष राशि में और रोहणी नक्षत्र का संयोग था। ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल जन्माष्टमी की तिथि पर भी विशेष संयोग बना है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 30 अगस्त, दिन सोमवार को पड़ रहा है। इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी पर 6 तत्वों के विशेष संयोग का निर्माण हो रहा है। 30 अगस्त को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ वृष राशि और रोहणी नक्षत्र का भी संयोग है। हालांकि रात्रि में 1 बजकर 59 मिनट तक ही अष्टमी तिथि रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।
दुर्लभ संयोग में पूजा का महत्व
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहे दुर्लभ संयोग में पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस तिथि और संयोग में भगवान कृष्ण का पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। व्यक्ति को भगवत कृपा की प्राप्ति होती है। जो लोग कई जन्मों से प्रेत योनि में भटक रहे हो इस तिथि में उनके लिए पूजन करने से उन्हे मुक्ति मिल जाती है। इस संयोग में भगवान कृष्ण के पूजन से सिद्धि की प्राप्ति होगी तथा सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।


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