खेल

एशिया कप से पहले कप्तान रोहित शर्मा ये क्या कह गए...

Manish Sahu
29 Aug 2023 2:05 PM GMT
एशिया कप से पहले कप्तान रोहित शर्मा ये क्या कह गए...
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खेल: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टीम की जरूरत के हिसाब से अपनी बैटिंग स्टाइल में बदलाव किया. वे इससे मिले रिजल्ट से खुश हैं, भले ही कई बार वे इसके चलते शतक नहीं बना सके. वर्ल्ड कप 2019 के अंत तक रोहित ने वनडे में 27 शतक जड़े थे, लेकिन पिछले 4 साल में वे 3 ही शतक लगा सके हैं. रोहित का मानना है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान जोखिम उठाने शुरू कर दिए. भारतीय टीम अब एशिया कप के लिए तैयार है. मुकाबले 30 अगस्त से 17 सितंबर तक खेले जाने हैं. भारतीय टीम को अपने पहले मैच में 2 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ उतरना है.
रोहित शर्मा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, मैं अधिक रिस्क लेना चाहता था. इसलिए मेरे शतकों की संख्या कम हो गई. उन्होंने कहा कि इस दौरान मेरा वनडे का स्ट्राइक रेट बढ़ गया, लेकिन औसत जरूर कम हुआ है. बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने मुझे यह बात बताई. रोहित एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 3 दोहरे शतक ठोके हैं. उनकी अंतिम 150 से अधिक रन की पारी 2019 में विशाखापट्टनम में वेस्टइंडीज के आई थी.
रोहित शर्मा ने कहा कि उन्हें इस दौरान कहीं-कहीं समझौता भी करना पड़ा. उन्होंने कहा कि मेरे करियर का स्ट्राइक रेट करीब 90 का था, लेकिन पिछले 2 साल में यह 105-110 के करीब रहा है. इसलिए कहीं न कहीं आपको समझौता करना पड़ता है. ऐसा संभव नहीं है कि औसत 55 का हो और स्ट्राइक रेट 110 का. रोहित ने कहा कि जोखिम उठाना पूरी तरह से मेरी पसंद रही. मेरी सामान्य बल्लेबाजी अब भी मेरे अंदर है, लेकिन मैं कुछ और आजमाना चाहता था. मैं नतीजे से भी खुश हूं.
रोहित शर्मा ने कहा कि बल्लेबाजी में बदलाव के बारे में मैंने टीम मैनेजमेंट तक को बता दिया था. उन्होंने कहा कि हर कोई लंबे समय तक बल्लेबाजी करना चाहता है. 150 या 170 रन बनाना चाहता है. मैं अब भी ऐसा करना चाहता हूं, लेकिन हमेशा ऐसा करना अच्छा होता है, जो आपने कभी नहीं किया हो. यह आपकी बल्लेबाजी योग्यता में ही जुड़ता है. जब तक आप करोगे नहीं, आप इसके बारे में जानोगे नहीं.
रोहित शर्मा ने कहा कि मैं जानता हूं कि अगर मैं जोखिम भरे शॉट खेलता हूं, तो मैं कुछ बार आउट हो जाऊंगा, लेकिन मुझे कोई परेशानी नहीं है. मैंने टीम को बता दिया था कि मैं इसी तरह से खेलना चाहता हूं. भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर जिस तरह के ट्रैक पर खेलती है, वह बल्लेबाजों के मुफीद नहीं हैं और भारतीय कप्तान पिछले कुछ समय से सबसे निरंतर टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार है.
रोहित शर्मा ने कहा कि भारत में मेरी हाल की टेस्ट पारियों को देखो. मैं आपको बता सकता हूं कि अब भारत में बल्लेबाजी करना विदेश में बल्लेबाजी करने से ज्यादा मुश्किल है, विशेषकर पिछले 2-3 सालों में ऐसा हुआ है. रोहित ने कहा कि हम जिन पिचों पर खेलते हैं, वे विदेशों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं. इसलिए हमने बल्लेबाजी यूनिट के रन और औसत के बारे में बात नहीं की है. हम सभी सहमत हुए कि हम चुनौतीपूर्ण पिचों पर खेलना चाहते हैं. मैं इस बात की चिंता नहीं करना चाहता कि हमारा औसत कैसा रहेगा.
रोहित शर्मा ने कहा कि मैं ऐसा ही सोचता हूं, लेकिन विभिन्न खिलाड़ियों के सोचने की प्रक्रिया अलग है और मैं इसे बदलना नहीं चाहता. मैं ऐसी पिचों पर खेलूंगा, जो हमारे गेंदबाजों के लिए फायदेमंद रहे. रोहित 11 साल तक मुंबई इंडियंस की कप्तानी कर चुके हैं और करीब 2 साल से टीम इंडिया की अगुआई कर रहे हैं. तो क्या कप्तानों का कार्यकाल होता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि कार्यकाल जैसी कोई चीज नहीं होती. रोहित शर्मा ने कहा कि आपको एक जिम्मेदारी मिलती है, आप नतीजा हासिल करते हो और सबसे महत्वपूर्ण कि आपको जो जिम्मेदारी दी गई है, उससे आप खुश हो. कार्यकाल की तुलना में यह सबसे अहम सवाल है.
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