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तीन वनडे मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को 8 विकेट से हरा दिया

Ritisha Jaiswal
11 March 2021 9:07 AM GMT
तीन वनडे मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को 8 विकेट से हरा दिया
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तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में मेजबान वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को 8 विकेट से हरा दिया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में मेजबान वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को 8 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही वेस्टइंडीज की टीम ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। श्रीलंका की टीम ने मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 49 ओवर में 232 रनों का स्कोर खड़ा किया, जिसके जवाब में वेस्टइंडीज 47 ओवर में दो विकेट पर 236 रन बनाकर जीत दर्ज कर लिया।

वेस्टइंडीज की तरफ से शाई होप ने शानदार 110 रनों की शतकीय पारी खेली जबकि एविन लुईस ने 65 रनों का योगदान दिया। इन दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 143 रनों की मजबूत साझेदारी हुई थी। इसके अलावा ऑलराउंडर डेरेन ब्रावो ने भी नाबाद 37 रन बनाए।
हालांकि मैच वेस्टइंडीज ने जीता लेकिन यह विवादों से भरा रहा। मुकाबले में श्रीलंकाई बल्लेबाज दनुष्का गुणातिलक को फील्डिंग में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिए जाने के बाद श्रीलंका की पारी लड़खड़ा गई जिसके बाद वेस्टइंडीज ने मेहमान टीम को वापसी का मौका नहीं दिया।
दरअसल गुणातिलक ने 55 रन बनाने के अलावा कप्तान दिमुथ करूणारत्ने के साथ पहले विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी की जिससे श्रीलंका की टीम बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही थी। करूणारत्ने 52 रन बनाकर वेस्टइंडीज के कप्तान कीरोन पोलार्ड को उन्हीं की गेंद पर कैच दे बैठे।

मैच का विवादास्पद लम्हा 21वें ओवर में आया जब गुणातिलक को फील्डिंग में बाधा पहुंचाने के आरोप में आउट करार दिया गया। पोलार्ड जब उन्हें रन आउट करने का प्रयास कर रहे थे तब उन्होंने गेंद पर पैर मार दिया जिसके बाद वेस्टइंडीज के कप्तान ने रन आउट की अपील की और मैदानी अंपायर जो विल्सन ने आउट का संकेत करते हुए टीवी अंपायर के पास इस मामले को भेज दिया।
तीसरे अंपायर नाइजेल गुगुइड ने इसके बाद जानबूझकर रन आउट रोकने का प्रयास करने के लिए गुणातिलक को आउट करार दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें होने लगी और दो खेमें बन गए।एक पक्ष का कहना है कि गुणातिलक को सही आउट करार दिया गया जबकि दूसरे खेमें का कहना है कि उन्होंने फील्डिंग में किसी तरह का बाधा नहीं पहुंचाया था।


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