नयी दिल्ली। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध दूसरे टेस्ट में छह विकेट की दमदार जीत का श्रेय हरफनमौलाओं को देते हुए रविवार को कहा कि बल्लेबाजी में इतनी गहराई होना टीम का सौभाग्य है। रोहित ने मैच के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, “बल्लेबाजी में इतनी गहराई होना हमारा सौभाग्य है। हम कई सालों से यह चाहते थे। खुशकिस्मती से इन तीनों खिलाड़ियों (रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल) ने हमारी यह जरूरत पूरी की है। जब विपक्षी गेंदबाज 60-70 ओवर डालकर थक जाते हैं तो ये क्रीज पर आकर महत्वपूर्ण रन जोड़ते हैं और विपक्षी टीम पर दबाव बनाते हैं। ये तीनों टीम में बेहतरीन संतुलन लाते हैं। सभी बहुत अच्छे गेंदबाज हैं और इस सीरीज में हमने देखा कि बल्लेबाजी भी बेहतरीन करते हैं।”
ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन भारत के सामने 115 रन का लक्ष्य रखा, जिसे रोहित की टीम ने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। भारत की इस आसान जीत की कहानी लिखते हुए जडेजा ने मैच की दूसरी पारी में सात विकेट चटकाये और अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जडेजा के अलावा अश्विन ने भी तीन विकेट लिये और ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले सत्र में सिर्फ 52 रन जोड़कर ऑलआउट हो गयी।
रोहित ने जडेजा के बारे में कहा, “जडेजा हमारे लिये बहुमूल्य हैं। उन्हें अपने ऊपर बेहतरीन विश्वास है। कई बार बल्लेबाजों ने उस पर दबाव बनाने की कोशिश की। कल शाम को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने उसके खिलाफ करीब पांच की रनगति से रन बनाये लेकिन वह अपनी योजनाओं पर कायम रहा। वह 250 से ज्यादा टेस्ट विकेट ले चुका है और उसे अपनी क्षमता पर काफी आत्मविश्वास है।”
गौरतलब है कि जडेजा-अश्विन से पूर्व अक्षर पटेल भी पहली पारी में 74 रन का महत्वपूर्ण योगदान देकर भारत को संकट से निकाल चुके थे। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के 263 रन के जवाब में 139 रन पर सात विकेट गंवा दिये थे, लेकिन अक्षर ने संकटमोचक की भूमिका निभाकर भारत को 262 रन तक पहुंचाया था। उनकी इस पारी की मदद से भारत ऑस्ट्रेलिया की बढ़त को छोटा कर सका और फिर दूसरी पारी में कंगारुओं को सस्ते में समेट दिया।
रोहित ने कहा, “अक्षर, जडेजा और अश्विन भारत में कई टेस्ट खेल चुके हैं और उनके पास काफी अनुभव है। ऑस्ट्रेलिया एक अच्छी टीम है, वे खेलना जानते हैं। वे साझेदारी करेंगे और कई बार हम पर दबाव भी बनायेंगे। यह टेस्ट क्रिकेट है। लेकिन हमें दबाव सहकर अपनी योजनाओं पर टिके रहना होगा।”
उन्होंने कहा, “कभी कभी-आपको सीधी गेंदबाजी करनी होती है। चीजों को ज्यादा मुश्किल बनाने की जरूरत नहीं। कल हमने 10-12 ओवर डाले और उन्होंने 60 के करीब रन बना लिये। सुबह हमने योजना बनायी कि गेंदबाज अनुशासन बनाये रखें और फील्ड ज्यादा न बदली जाये। हमने महसूस किया कि वे आक्रामकता के साथ खेलना चाहते हैं। यह उस तरह की पिच नहीं थी जहां आप शुरू से ही तेज खेल सकें। हमने सुबह अपनी योजनाओं पर ही अमल करने का फैसला किया और कामयाबी मिली।”
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के बिखरने का मुख्य कारण उनकी खराब तकनीक रही। कई कंगारू बल्लेबाज स्वीप खेलने की कोशिश में आउट हुए, जबकि कुछ गेंद को ठीक तरह पढ़ नहीं सके। इसके बरक्स कप्तान रोहित को बल्लेबाजी करने में कोई समस्या नहीं पेश आई और उन्होंने दुर्भाग्यश रनआउट होने से पहले 20 गेंदों पर तीन चौकों और दो छक्कों के साथ 31 रन बनाये।
रोहित ने दिल्ली की पिच पर बल्लेबाजी करने को लेकर कहा, “हर चीज की एक तकनीक होती है। चाहे आप डिफेंस करें, स्वीप करें, या आगे बढ़कर खेलें, हर शॉट में तकनीक लागू करनी होती है। हमारी टीम में जो भी खिलाड़ी आये हैं वे जमीनी स्तर से खेलते हुए आ रहे हैं। यह तकनीक वहीं से विकसित होती है। इस तरह की पिचों पर खेलने के लिये आत्मविश्वास होना चाहिये। अभ्यास सत्र में आपको यह सब तैयारी करने का मौका मिलता है।”
उन्होंने कहा, “नागपुर टेस्ट के बाद हमें छह-सात दिन मिले। हमने उस समय का प्रयोग काफी अच्छी तरह किया। नागपुर में (पिच) लाल मिट्टी थी, यहां काली मिट्टी थी। यहां स्वीप मारना ज्यादा अच्छा विकल्प नहीं था। मेरा मानना है कि यहां आगे बढ़कर खेलना बेहतर था। हर बल्लेबाज का खेलने का अलग-अलग तरीका होता है। मैच से पहले और उसके दौरान हम यही बात करते हैं कि कौन किस तरह खेल सकता है। आप 100-200 गेंदें खेलें, लेकिन साथ-साथ रन भी बनात रहें। इसके लिये आपको शॉट मारने होंगे। हम टीम में ये बातें करते रहते हैं।”
गौरतलब है कि रोहित जहां 2023 घरेलू सत्र शुरू होने के बाद अच्छे रंग में नजर आये हैं, वहीं उनके साथी सलामी बल्लेबाज केएल राहुल लंबे समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। राहुल ने टेस्ट क्रिकेट की पिछली नौ पारियों में 50 का आंकड़ा नहीं छुआ है और इस खराब फॉर्म के लिये उनकी काफी आलोचना भी हो रही है।
रोहित ने राहुल की फॉर्म पर कहा, “राहुल की फॉर्म को लेकर काफी बातें हो रही हैं लेकिन टीम प्रबंधन के तौर पर हम खिलाड़ियों की क्षमता पर भरोसा करते हैं। अगर किसी खिलाड़ी के अंदर क्षमता है तो उसे लंबा समय दिया जाता है। अगर आप लॉर्ड्स (2021) में उनके शतक को देखेंगे, हमें टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी थी और उन्होंने शतक जड़ा। सेंचुरियन (2021) में भी उन्होंने मुश्किल पिच पर पहले बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा। हम वे दोनों मैच जीते। हमारी योजना यही रही है कि वह मैदान पर जायें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, जैसा कि वह कई बार कर चुके हैं।”