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Wasim jafar बोले- 'इकबाल अब्दुल्ला नहीं जय बिस्टा को बनाना चाहता था कप्तान, कम्युनल एंगल देना गलत

Gulabi
11 Feb 2021 5:18 AM GMT
Wasim jafar बोले- इकबाल अब्दुल्ला नहीं जय बिस्टा को बनाना चाहता था कप्तान, कम्युनल एंगल देना गलत
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भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर

उत्तराखंड क्रिकेट असोसिएशन से मतभेदों के कारण कोच के पद से इस्तीफा देने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने बुधवार को प्रदेश संघ के सचिव के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने टीम में मजहब के आधार पर चयन की कोशिश की। भारत के लिए 31 टेस्ट खेल चुके जाफर ने कहा कि टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देने के उत्तराखंड क्रिकेट असोसिएशन के सचिव माहिम वर्मा के आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है।



जाफर ने चयन में दखल और चयनकर्ताओं और असोसिएशन के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। जाफर ने कहा, 'जो कम्युनल एंगल लगाया, वह बहुत दुखद है। उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता था जो सरासर गलत है।' उन्होंने कहा, 'मैं जय बिस्टा को कप्तान बनाने वाला था, लेकिन रिजवान शमशाद और अन्य चयनकर्ताओं ने मुझे सुझाव दिया कि इकबाल को कप्तान बनाएं। वह सीनियर खिलाड़ी है, आईपीएल खेल चुका है और उम्र में भी बड़ा है। मैंने उनका सुझाव मान लिया।'

'बायो बबल में मौलवी को मैंने नहीं बुलाया था'

रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बना चुके जाफर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि टीम के प्रैक्टिस सेशन में वह मौलवियों को लेकर आए थे। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कहा कि बायो बबल में मौलवी आए और हमने नमाज पढ़ी। मैं आपको बताना चाहता हूं कि मौलवी, मौलाना जो भी देहरादून में कैंप के दौरान दो या तीन जुमे को आए, उन्हें मैंने नहीं बुलाया था।' जाफर ने कहा, 'इकबाल अब्दुल्ला ने मेरी और मैनेजर की अनुमति जुमे की नमाज के लिए मांगी थी।'
'जुमे की नमाज साथ पढ़ते थे'

उन्होंने कहा, 'हम रोज कमरे में ही नमाज पढ़ते थे लेकिन जुमे की नमाज मिलकर पढ़ते थे तो लगा कि कोई इसके लिए आएगा तो अच्छा रहेगा। हमने नेट प्रैक्टिस के बाद पांच मिनट ड्रेसिंग रूम में नमाज पढ़ी। अगर यह सांप्रदायिक है तो मैं नमाज के वक्त के हिसाब से प्रैक्टिस का समय बदल सकता था लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं।' उन्होंने कहा, 'इसमें क्या बड़ी बात है। मेरी समझ में नहीं आया।' जाफर को जून 2020 में उत्तराखंड का कोच बनाया गया था। उन्होंने एक साल का करार किया था। उत्तराखंड की टीम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पांच में से एक ही मैच जीत सकी।


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