अपने जुझारूपन और दिलेरी से इतिहास रचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women's Hockey Team) का पहला ओलंपिक पदक जीतने का सपना टूट गया जब ब्रिटेन (Britain) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में कांस्य (Bronze) पदक के रोमांचक मुकाबले में उसे 4-3 से हरा दिया. भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही सफलता के नये मानदंडों को छू लिया था. कांस्य पदक जीतने के करीब भी पहुंची लेकिन रियो ओलंपिक (Rio Olympics) की स्वर्ण पदक विजेता दुनिया की चौथे नंबर की ब्रिटिश टीम ने उसके साथ करोड़ों भारतीयों का भी दिल तोड़ दिया. Tokyo Olympics में भारतीय महिला हॉकी टीम की हार देखकर बोले Shah Rukh Khan, कहा- दिल टूट गया
इससे एक दिन पहले ही भारतीय पुरूष टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता था. भारतीय महिला टीम ने भी दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हाफटाइम तक 3-2 की बढत बना ली. ब्रिटेन ने हालांकि दूसरे हाफ में जबर्दस्त आक्रामक खेल दिखाते हुए दो गोल करके भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
भारतीय टीम ने पांच मिनट के भीतर तीन गोल किये. गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में जबकि वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल दागे. ब्रिटेन के लिये एलेना रायेर ने 16वें, साारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल दागे.
भारत का इससे पहले ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में था जब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी. उस समय सेमीफाइनल नहीं होते थे और छह टीमों ने राउंड रॉबिन आधार पर खेला था जिनमें से दो फाइनल में पहुंची थी.
ब्रिटेन ने अपेक्षा के अनुरूप दमदार शुरूआत करते हुए गेंद पर नियंत्रण बनाये रखा और पहले क्वार्टर में कई मौके बनाये. भारतीय टीम सर्कल में गई लेकिन मौके नहीं बना सकी. इसके अलावा मिडफील्ड में कई बार गेंद गंवा दिया.
पहले क्वार्टर में भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने कम से कम तीन गोल बचाये. दूसरे मिनट में ब्रिटेन को मिला पेनल्टी कॉर्नर बचाने के बाद 12वें मिनट में दो बार बचाव किये. दूसरे क्वार्टर में ब्रिटेन ने रायेर के गोल की मदद से बढत बना ली. इसके कुछ मिनट बाद उसे फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका.
लालरेम्सियामी भारत के लिये गोल करने के करीब पहुंची लेकिन उनकी रिवर्स हिट को मैडी हिंच ने बचा लिया. भारत को मिला पहला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया. ब्रिटेन की बढत 24वें मिनट में रॉबर्टसन ने दुगुनी कर दी. इसके एक मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से एक को गोल में बदलकर गुरजीत ने अंतर कम किया.
दो मिनट बाद सलीमा टेटे बायें फ्लैंक से गेंद लेकर आई और भारत को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया. गुरजीत ने इसे गोल में बदलकर भारत को बराबरी दिलाई. इसके बाद भारतीयों ने दबाव बनाया और वंदना ने तीसरा गोल करके पहली बार भारत को 3-2 से बढत दिला दी.
एक गोल से पिछड़ने के बाद ब्रिटेन ने जमकर जवाबी हमले बोले और तीसरे क्वार्टर के दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारत का डिफेंस मजबूत था. एक मिनट बाद हांलांकि कप्तान होली पीयर्ने ने ब्रिटेन का चौथा गोल किया. भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका. चौथे क्वार्टर में ब्रिटेन ने रक्षात्मक खेल दिखाकर भारतीयों को बांधे रखा. आखिरी आठ मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गुरजीत गोल नहीं कर सकी.