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टोक्यो ओलंपिक: भारत के फवाद मिर्जा की घुड़सवारी स्पर्धा फाइनल में 23वें स्थान पर रहे

Admin4
2 Aug 2021 4:11 PM GMT
टोक्यो ओलंपिक: भारत के फवाद मिर्जा की घुड़सवारी स्पर्धा फाइनल में 23वें स्थान पर रहे
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भारत के फवाद मिर्जा (Fouaad Mirza) Tokyo Olympics 2020 की घुड़सवारी स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने के बाद इवेंटिंग स्पर्धा में 23वें स्थान पर रहे. मिर्जा ने अपने घोड़े सिगन्योर मेडिकॉट के साथ व्यक्तिगत इवेंटिंग वर्ग के जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- भारत के फवाद मिर्जा (Fouaad Mirza) Tokyo Olympics 2020 की घुड़सवारी स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने के बाद इवेंटिंग स्पर्धा में 23वें स्थान पर रहे. मिर्जा ने अपने घोड़े सिगन्योर मेडिकॉट के साथ व्यक्तिगत इवेंटिंग वर्ग के जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया था. फाइनल में उन्हें 12.40 पेनल्टी अंक मिले और उनके कुल 59.60 पेनल्टी अंक रहे जिसमें क्वालीफाइंग स्पर्धाओं ड्रेसेज, क्रॉसकंट्री और जंपिंग के तीन दौर के अंक शामिल है. जर्मनी की जूलिया क्राजेवस्की को स्वर्ण मिला जो इवेंटिंग के इतिहास में पहली महिला ओलिंपिक चैम्पियन है. ब्रिटेन के टॉम मैकइवन दूसरे और ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू हॉय तीसरे स्थान पर रहे.मिर्जा दो दशक में घुड़सवारी में भाग लेने वाले पहले भारतीय हैं.


बेंगलुरु के 29 वर्ष के राइडर मिर्जा से पहले सिडनी ओलिंपिक 2000 में इम्तियाज अनीस ओलिंपिक में घुड़सवारी में खेले थे. दिवंगत विंग कमांडर आईजे लाम्बा (अटलांटा 1996) ओलिंपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय थे. ड्रेसेज दौर में नौवें स्थान पर रहे फवाद को जंपिंग दौर में आठ पेनल्टी अंक मिले. उनके कुल पेनल्टी अंक 47.2 रहे और वह 25वें स्थान पर थे. इसी पॉजिशन पर रहते हुए उन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी. फाइनल में 25 घुड़सवार उतरते हैं. मिर्जा और सिग्न्योर ने तकनीकी कारण से देर से शुरू हुए क्रॉसकंट्री को सिर्फ आठ मिनट में पूरी कर लिया.


ड्रेसेज में अच्छा था प्रदर्शन

घुड़दौड़ क्रॉसकंट्री व्यक्तिगत वर्ग में एक प्रतियोगी को सात मिनट 45 सेकंड के भीतर कोर्स का पूरा चक्कर लगाना होता है ताकि टाइम पेनल्टी कम रहे.पेनल्टी जितनी कम होगी, घुड़सवार अंकतालिका में उतना ही ऊपर होगा. मिर्जा और सिगनोर ने तकनीकी दिक्कत के कारण देर से शुरू किया जिसकी वजह से उन्हें 11.20 पेनल्टी अंक मिल गए. ड्रेसेज दौर में वह शानदार प्रदर्शन के बाद नौवें स्थान पर थे. उसमें उन्हें 28 पेनल्टी अंक मिले. इवेंटिंग के पहले दिन ड्रेसेज में फवाद और उनके घोड़े 'सिग्नुर मेदीकोट' को 28 पेनल्टी अंक मिले थे. ड्रेसेज को कलात्मक घुड़सवारी माना जाता है जिसमें घुड़सवार और घोड़े को अपनी रचनात्मकता दिखानी होती है. इसमें 20 मीटर गुणा 60 मीटर के आयातकर क्षेत्र में दोनों के तालमेल को अहमियत दी जाती है.
फवाद मिर्जा ने टोक्यो ओलिंपिक से कुछ दिन पहले अपना घोड़ा बदलते हुए इन खेलों में सेगनुएर मेडिकोट के साथ उतरने का फैसला किया था. इसी घोड़े के साथ उन्होंने 2018 एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीते थे. मिर्जा ने पहले घोषणा की थी कि वह टोक्यो खेलों में 'दजारा 4' के साथ उतरेंगे लेकिन बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल दिया.


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