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खिलाड़ी ने बैटिंग से गेंदबाजों की उड़ा रखी नींदें
आईपीएल 2021 में चेन्नई सुपरकिंग्स के एक युवा क्रिकेटर की धूम मची हुई है. इस खिलाड़ी ने बैटिंग से गेंदबाजों की नींदें उड़ा रखी हैं. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम के लिए वह मैच में रन बना रहा है. अभी तो उसे रोकना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. लेकिन इस खिलाड़ी के लिए सबकुछ इतना आसान नहीं रहा है. पिछले साल आईपीएल डेब्यू से पहले उसने कोरोना हो गया था. फिर डेब्यू किया तो सस्ते में निपट गए. शुरुआती मैचों में वे रन नहीं बना पाए थे लेकिन बाद में बल्ला चला तो फिफ्टी की हैट्रिक लगा दी. अब आईपीएल 2021 में तो वह धोनी का सबसे भरोसेमंद खिलाड़ बन गया. बात हो रही है ऋतुराज गायकवाड़ की. पर कैसा रहा गायकवाड़ का करियर, क्रिकेट में कैसे हुई एंट्री.
आईपीएल 2020 में ऋतुराज गायकवाड़ को सबसे पहले खेलने का मौका मिला. लेकिन पहले ही मुकाबले में वे खाता खोले बिना स्टंप आउट हो गए. अगले कुछ मैचों में भी उनका बल्ला चला नहीं. लेकिन आईपीएल 2020 के आखिरी मैचों में सीएसके ने उन्हें ओपनर के रूप में मौका दिया. फिर उन्होंने लगातार तीन अर्धशतक लगाए और अपनी काबिलियत साबित की. इस सीजन से पहले वे कोरोना की चपेट में आ गए थे. इस वजह से उनके डेब्यू में देरी हुई. लेकिन मौका मिलने के बाद चूके नहीं. आईपीएल 2021 के पहले हाफ में भी उनका शानदार प्रदर्शन जारी रहा. उन्होंने 5(38), 40(28), 38(26), 88*(58), 62*(49), 72(53), 65*(51) रन की पारियां खेलीं. इस प्रदर्शन के बाद उन्हें श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया में चुना गया.
ऋतुराज गायकवाड़ आईपीएल 2019 में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेल नहीं पाए थे. लेकिन इस दौरान उन्होंने अपने दिमाग से कप्तान एमएस धोनी को प्रभावित कर दिया था. उन्होंने केकेआर के खिलाफ मैच में आंद्रे रसेल के सामने शॉर्ट फाइन लेग फील्डर लगाने पर अपनी राय दी थी. उन्होंने धोनी से कहा था कि रसेल विकेट के पीछे शॉट नहीं लगाता है. ऐसे में शॉर्ट फाइन लेग या फाइन लेग के बजाए डीप स्क्वेयर लेग पर फील्डर रख सकते हैं. धोनी ने तब बताया था कि पीछे फील्डर क्यों रखा. लेकिन गायकवाड़ की सलाह उन्हें पसंद आई. उन्होंने ऋतुराज से खेल में इसी तरह शामिल रहने को कहा था. इससे पहले 2016 में ऋतुराज ने झारखंड टीम के सामने अपना रणजी डेब्यू किया था. तब धोनी झारखंड के मेंटॉर हुआ करते थे. इस मैच में ऋतुराज की अंगुली बैटिंग के दौरान टूट गई थी. बाद में धोनी ने उनका हालचाल पूछा था और उनके प्लास्टर पर गेट वेल सून लिखा था.
ऋतुराज गायकवाड़ का जन्म 31 जनवरी 1997 को हुआ. उनके पिता डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में काम करते हैं तो मां टीचर हैं. उनके परिवार में कोई और क्रिकेट से जुड़ा हुआ नहीं है. ऋतुराज गायकवाड़ का परिवार पुणे में रहता है और परिवार का शुरू से जोर पढ़ाई-लिखाई पर रहा. लेकिन ऋतुराज ने क्रिकेट को अपनाया और यहीं पर नाम बनाया. ऋतुराज गायकवाड़ के क्रिकेट में आने की वजह न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैक्कलम हैं. 2003 में पुणे में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का मैच था. गायकवाड़ इसे देखने के लिए स्टेडियम गए थे. वहां मैक्कलम को स्कूप शॉट खेलते हुए देखा तो क्रिकेट से उनका लगाव बढ़ गया. इसके बाद उन्होंने वेंगसरकर क्रिकेट एकेडमी जॉइन कर ली और खेल की बारीकियां वहीं से समझी.
ऋतुराज गायकवाड़ जूनियर लेवल क्रिकेट खेलते हुए आगे बढ़े हैं. वे सबसे पहले 2014-15 की कूच बिहार ट्रॉफी से सुर्खियों में आए थे. इसमें छह मैच में तीन शतक व एक अर्धशतक से उन्होंने 826 रन बनाए. इसके चलते 2016 के अंडर 19 वर्ल्ड कप के संभावितों में उन्हें चुन लिया गया. हालांकि वर्ल्ड कप टीम में उन्हें जगह नहीं मिली. अगले साल फिर से कूच बिहार ट्रॉफी में उनका बल्ला चमका. उन्होंने सात मैच में चार शतक और तीन फिफ्टी से 875 रन बनाए. एक बार महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने डबल सेंचुरी उड़ा दी थी जबकि पूरी टीम 250 रन बना पाई थी. उन्होंने अंडर 19 के बाद इंडिया ए के लिए भी खेलते हुए भी काफी रन बनाए. 2018 और 2019 में इंग्लैंड, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका की जूनियर टीमों के सामने उन्होंने रनों का अंबार लगा दिया था. इस खेल के बाद उन्हें भारतीय टीम का भविष्य कहा गया था.
चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल 2019 से पहले ऑक्शन में ऋतुराज गायकवाड़ को अपने साथ लिया था. उन्हें 20 लाख रुपये की बेस प्राइस में जोड़ा गया था. इस बारे में ऋतुराज ने बताया कि उन्हें अनुमान नहीं था कि टीमें उन पर दांव लगाएंगी. उन्होंने अनकैप्ड बल्लेबाजों के पहले राउंड के बाद टीवी बंद कर दिया था और वीडियो गेम खेलने लग गए थे. शुरुआती राउंड में उनका नंबर नहीं आया था. इससे उन्हें लगा कि उनका नंबर नहीं आएगा. लेकिन कुछ घंटों बाद उनके पास मैसेज आने लगे तब ऋतुराज को पता चला कि वे चेन्नई का हिस्सा बन गए हैं.
ऋतुराज गायकवाड़ बैटिंग के शुरू में जमने के लिए थोड़ा समय लेते हैं लेकिन खराब गेंदों को बख्शते नहीं है. खराब गेंदों पर वे वीरेंद्र सहवाग का मंत्र अपनाते हैं. यानी गेंद को देखो और मारो. 2019 में वेस्ट इंडीज दौरे पर उन्होंने शतक के करीब पहुंचने पर सहवाग स्टाइल में ही छक्का लगाकर 100 रन का आंकड़ा पार करना चाहा था. लेकिन 99 रन के स्कोर पर वे कैच आउट हो गए.
ऋतुराज गायकवाड़ ने अभी तक 21 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 38.54 की औसत से 1349 रन बनाए हैं. इस फॉर्मेट में उनके नाम चार शतक और छह फिफ्टी हैं. वहीं 59 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने 47.87 की औसत के साथ 2681 रन बनाए हैं. यहां वे सात शतक और 16 अर्धशतक लगा चुके हैं. टी20 क्रिकेट की बात करें तो 53 मैचों में 36.60 की औसत से उन्होंने 1684 रन बनाए हैं. इस फॉर्मेट में वे एक शतक और 12 अर्धशतक अभी तक लगा चुके हैं. वे भारत के लिए दो टी20 मुकाबले भी खेल चुके हैं और इनमें 35 रन उनके बल्ले से निकले हैं.
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