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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Team India: मैदान पर खिलाड़ियों की मेहनत तो हम सभी देखते है. लेकिन टीम इंडिया में एक खिलाड़ी ऐसा भी है जिसने यहां तक पहुंचने के लिए मेहनत के साथ-साथ अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया है. आज हम आपको ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिसने 17 साल की उम्र में मां को खो दिया था, बड़ी बहन ने घर संभाला और आज ये खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट में राज कर रहा है.
17 साल की उम्र में मां का साथ छूटा
टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक हैं. जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजराती राजपूत परिवार में हुआ. उनकी मां लता की 2005 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई. जडेजा की मां उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहती थी. हालांकि जडेजा की मां अपने बेटे को भारतीय टीम की जर्सी में नहीं देख पाई.
बड़ी बहन ने की परवरिश
2006 में अंडर-19 विश्व कप से ठीक एक साल पहले उनकी मां का निधन हुआ. उनकी मां की मृत्यु के बाद उन्हें लगभग क्रिकेट छोड़ दिया था. रवींद्र जडेजा की मां का निधन हो जाने के बाद उनकी बड़ी बहन नैना ने उनको सहारा दिया और परिवार को भी संभाला. जिसके बाद जडेजा ने फिर से क्रिकेट खेलना शुरू किया.
वॉचमैन का बेटा है ये भारतीय क्रिकेटर
रवींद्र जडेजा क्रिकेट के मैदान पर अपने बड़े-बड़े कारनामों के लिए जाने जाते हैं. उनके पिता एक प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में सिक्योरिटी गार्ड थे. उनके पिता चाहते थे कि वह एक आर्मी ऑफिसर बनें लेकिन जडेजा की रुचि क्रिकेट में थी, और वे क्रिकेट में ही आगे बढ़ गए. जडेजा हालिया समय में टीम इंडिया की अहम कड़ी हैं.
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