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फैसला पड़ा टीम इंडिया को भारी
भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला मुकाबला (India vs New Zealand, 1st Test) ड्रॉ रहा. कानपुर में टीम इंडिया के पास जीत का अच्छा मौका था, उसे महज एक विकेट की दरकार थी लेकिन कीवी टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों ने मेजबानों को जीत से रोक दिया. एजाज पटेल और रचिन रवींद्र ने आखिरी विकेट के लिए 52 गेंदों में 10 रनों की साझेदारी की जिसकी बदौलत न्यूजीलैंड ने कानपुर टेस्ट में अपनी हार टाली. कानपुर टेस्ट ड्रॉ होने के बाद टीम इंडिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटरों का मानना है कि कानपुर में कप्तान अजिंक्य रहाणे, हेड कोच राहुल द्रविड़ और टीम मैनेजमेंट ने मिलकर कुछ गलतियां की जिसकी वजह से मैच ड्रॉ समाप्त हुआ.
पूर्व क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा और ऑलराउंडर इरफान पठान ने कानपुर टेस्ट ड्रॉ होने पर निराशा व्यक्त की. प्रज्ञान ओझा और इरफान का मानना था कि ये टेस्ट मैच जीता जा सकता था. ओझा के मुताबिक टीम इंडिया की रणनीति और अच्छी हो सकती थी वहीं इरफान पठान की भी यही सोच है. उन्होंने तो यहां तक कहा कि अगर कानपुर में विराट कोहली अगुवाई कर रहे होते तो जीत टीम इंडिया को मिलती.
इरफान पठान ने क्या कहा?
कानपुर टेस्ट ड्रॉ होने के बाद इरफान पठान ने कहा कि टीम इंडिया ने चौथे दिन आक्रामक क्रिकेट नहीं खेला और उसने पारी घोषित करने में वक्त लिया जिसका असर कानपुर टेस्ट के नतीजे पर पड़ा. पठान बोले, 'विराट कोहली अगर इस टेस्ट मैच में होते तो नतीजा कुछ और होता. रविवार को टीम इंडिया आक्रामक अंदाज में खेलती और दूसरी पारी जल्दी घोषित करती.'
प्रज्ञान ओझा की सोच भी इरफान पठान से काफी मिलती-जुलती रही. ओझा ने क्रिकबज से खास बातचीत में कहा कि टीम इंडिया अगर इस कानपुर टेस्ट पर चर्चा करेगी तो वो खुद से सवाल पूछेगी कि क्या उन्होंने पारी घोषित करने में देर कर दी? वैसे टीम इंडिया के पास जीत का अच्छा मौका था. भारतीय टीम ने 89.2 ओवर में न्यूजीलैंड के 9 विकेट गंवा दिए थे. लेकिन रचिन रवींद्र और एजाज पटेल 98 ओवर तक क्रीज पर टिक गए. अश्विन-जडेजा जैसे गेंदबाज भी उनका विकेट नहीं ले पाए. रचिन रवींद्र ने 91 गेंदों में नाबाद 18 और एजाज पटेल ने 23 गेंदों में नाबाद 2 रन बनाए. पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में अर्धशतक लगाने वाले श्रेयस अय्यर को मैन ऑफ द मैच चुना गया हालांकि वो जीत नहीं मिलने से थोड़ा निराश नजर आए.
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