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धर्म-अध्यात्म
इस दिन है सावन पुत्रदा एकादशी, संतान प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है यह व्रत
Subhi
15 Aug 2021 3:12 AM GMT
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2021हिंदू धर्म में एकादशी का धार्मिक महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के दो पक्षों के ग्यारवें तिथि को एकादशी के नाम से जाना जाता है।
2021हिंदू धर्म में एकादशी का धार्मिक महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के दो पक्षों के ग्यारवें तिथि को एकादशी के नाम से जाना जाता है। एक साल में 24 से 26 एकादशी हो सकते हैं। एकादशी के अलग-अलग नाम और महत्व भी भिन्न-भिन्न होते हैं हालांकि पुत्रदा एकादशी साल में दो बार पड़ता है। सावन मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। यह 18 अगस्त 2021 दिन बुधवार को पड़ रहा है। पुत्र प्राप्ति की कामना से भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। आइये जानते हैं सावन मास में पड़ने वाले पुत्रदा एकादशी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
पुत्रदा एकादशी व्रत प्रारंभ : 18 अगस्त 2021 दिन बुधवार, रात 03 बजकर 20 मिनट से
पुत्रदा एकादशी व्रत समापन : 19 अगस्त 2021 दिन गुरुवार, रात 01 बजकर 05 मिनट तक
पुत्रदा एकादशी पारण का समय : 19 अगस्त 2021 दिन गुरुवार, सुबह 06 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 29 मिनट तक
पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
इस दिन व्रत रखने वालों के प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए पडे़गा। स्नान ध्यान के बाद पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। समीप के किसी मंदिर या घर के मंदिर में भगवान विष्णु को पील फल, पीले पुष्प, पंचामृत, तुलसी आदि अर्पित करना चाहिए। हालांकि अगर पुत्र कामना के लिए व्रत रखना है तो पति पत्नी दोनों को ही व्रत का संकल्प लेना पड़ेगा। उसके बाद भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। भगवान कृष्ण को पंचामृत बहुत पंसद है इसलिए इसका भोग लगाना शुभ माना जाता है।
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