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भारत-इंग्लैंड मैच में होगी जासूसी
भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम में पांचवें टेस्ट के दौरान भारतीय दर्शकों पर नस्लीय टिप्पणियों की गई थी। अब इसको लेकर वॉरविकशर काउंटी ने काफी सख्त कदम उठाए हैं। वो नस्लवाद और भेदभाव को क्रिकेट से दूर रखने के लिए जासूसों की मदद लेंगे।
9 जुलाई को होना है मुकाबला
भारत और इंग्लैंड के बीच शनिवार 9 जुलाई को एजबेस्टन में दूसरा टी-20 मैच खेला जाना है। इसी मुकाबले में अंडरकवर क्राउड स्पॉटर्स की तैनाती होगी। ये लोग दर्शकों के बीच में रहेंगे और ऐसी किसी नस्लवाद या भेदभाव से जुड़ी किसी भी घटना को पकड़ने के लिए सतर्क रहेंगे। साथ ही साथ इस मैच को लेकर ज्यादा पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया जाएगा।
पांचवें टेस्ट के दौरान हुआ क्या था?
टीम इंडिया के फैन ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा था कि एरिक हॉलीज स्टैंड में भारत के प्रशंसकों को नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं, एक अन्य यूजर्स ने भी पोस्ट में बताया था कि भारत और इंग्लैंड के मुकाबले के दौरान उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा। ऐसे उन्हें भी कभी किसी अन्य मुकबाले में अनुभव नहीं किया था। मामला सामने आने के बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड और एजबेस्टन के अधिकारियों ने मांफी भी मांगी थी और जांच कराने का भरोसा दिलाया था।
इंग्लैंड बोर्ड ने मांगी थी माफी
इंग्लैंड बोर्ड ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा था कि हमें यह पढ़कर बहुत दुख है और हम इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं। हम टेस्ट मुकाबले में नस्लवादी दुर्व्यवहार की रिपोर्ट सुनकर चिंतित हैं। हम एजबेस्टन के अधिकारियों के संपर्क में हैं, जो इस मामले की जांच करेंगे। क्रिकेट में नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है।
खिलाड़ी भी हो चुके हैं नस्लीय टिप्पणी का शिकार
2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए सिडनी टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के खिलाफ भी नस्लीय टिप्पणी की थीं। सिराज-बुमराह को सिडनी टेस्ट में लगातार दो दिन टिप्पणियों का शिकार होना पड़ा था। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने मैच रैफरी डेविड बून से शिकायत की थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) ने बाद में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और टीम इंडिया से माफी भी मांगी थी।
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