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ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच इस वक्त सबसे बड़ी क्रिकेट सीरीज माने जाने वाली एशेज खेली जा रही है
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच इस वक्त सबसे बड़ी क्रिकेट सीरीज माने जाने वाली एशेज खेली जा रही है. इन दोनों देशों के बीच सालों में होने वाली इस बड़ी सीरीज पर दुनियाभर के क्रिकेट फैंस की नजरें होती हैं. लेकिन एशेज में अब एक नई बात को लेकर बड़ा बवाल मच गया है. पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन सभी ने बेहद खराब अंपायरिंग देखी।
स्टोक्स ने फेंकी 4 नो बॉल
बेन स्टोक्स की पांव की नो बॉल के कारण इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर का कीमती विकेट नहीं मिल पाया लेकिन इससे एशेज सीरीज में 'टेक्नोलोजी' से जुड़ी समस्या भी उजागर हो गईं. स्टोक्स ने मार्च के बाद जब अपना पहला ओवर किया तो उसके तुरंत बाद ही वॉर्नर को यह जीवनदान मिला जो तब 17 रन पर खेल रहे थे. इससे यह भी पता चला कि स्टोक्स ने अपनी पिछली तीन गेंदों पर भी क्रीज से आगे पांव रखा था लेकिन अंपायर ने उसे नो बॉल नहीं दिया था.
अंपायर को नहीं रहा ध्यान
Each of Ben Stokes' first four deliveries to David Warner was a no-ball 👀@copes9 | #Ashes pic.twitter.com/kcyNrYHSYr
— 7Cricket (@7Cricket) December 9, 2021
बाद में ऑस्ट्रेलिया के एशेज प्रसारक चैनल 7 ने खुलासा किया कि स्टोक्स ने मैच के दूसरे दिन गुरुवार को 14 बार अपना पांव क्रीज से आगे रखा था लेकिन केवल दो बार ही नो बॉल दी गई. वॉर्नर को भी पहले आउट दे दिया गया था लेकिन रीप्ले से नोबॉल का पता लगने के बाद अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा. इससे मैच अधिकारियों को लेकर बड़ी समस्या भी उजागर हो गई.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि गाबा में टेक्नोलोजी से जुड़ी समस्या का मतलब है कि तीसरे अंपायर पॉल विल्सन यह पता करने के लिए कि गेंदबाज ने क्रीज से आगे पांव रखा है, प्रत्येक गेंद के रीप्ले की समीक्षा नहीं कर सकते. इसका मतलब है कि मैदानी अंपायरों को ही इस पर फैसला करना होगा. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने मैच की कमेंट्री के दौरान इस तरह की खराब अंपायरिंग की आलोचना की.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस व्यवस्था को लागू किया जिसमें तीसरे अंपायर को नो बॉल की जांच करने की अनुमति दी गई. पिछले साल नियमों में बदलाव से पहले मैदानी अंपायर ही क्रीज से आगे पांव रखने पर गेंदबाज को सूचित करके नो बॉल देते थे.
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