खेल
World Cup फाइनल बराबरी पर खत्म, लेकिन इंग्लैंड की टीम ने उठाई ट्रॉफी
Deepa Sahu
14 July 2021 9:06 AM GMT
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नियमों के फेर में फंसकर न्यूजीलैंड की टीम ने पहली बार विश्व कप चैंपियन बनने का सपना गंवा दिया था।
नई दिल्ली, नियमों के फेर में फंसकर न्यूजीलैंड की टीम ने पहली बार विश्व कप चैंपियन बनने का सपना गंवा दिया था। जी हां, ये सच है, क्योंकि वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला, जो आज ही के दिन यानी 14 जुलाई को खेला गया था, वो बराबरी पर रहा था, लेकिन नियमों के कारण इंग्लैंड की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया और कीवी टीम बराबरी की लड़ाई लड़ने के बावजूद उपविजेता के रूप में संतुष्ट रही।
क्रिकेट के इतिहास के शायद सबसे खराब पल किसी टीम के लिए रहे होंगे तो वो न्यूजीलैंड के लिए रहेंगे, जब 14 जुलाई 2019 को विश्व कप का फाइनल बिना हारे टीम को खिताब हारना पड़ा। इस विवादित विश्व कप फाइनल में पेचीदा नियमों के कारण इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया था। हालांकि, बाद में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी ने नियमों में बदलाव किया, लेकिन वर्ल्ड कप नहीं जीत पाने की कसक कीवी टीम को हमेशा रहेगी।
दरअसल, लंदन के लॉर्ड्स में 14 जुलाई 2019 को विश्व कप के 12वें सीजन का फाइनल मुकाबला खेला गया था। इस मैच में मेजबान इंग्लैंड के सामने न्यूजीलैंड की टीम थी। न्यूजीलैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट खोकर 50 ओवर में 241 रन बनाए थे। कीवी टीम की तरफ से हेनरी निकोल्स ने 55 रन की पारी खेली थी, जबकि 47 रन टॉम लाथम ने बनाए थे। कप्तान केन विलियमसन 30 रन बनाकर आउट हुए थे, जबकि कई और बल्लेबाजों ने भी सहयोग दिया था।
उधर, इंग्लैंड की टीम जब 242 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो टीम को ठीकठाक शुरुआत मिली, लेकिन इसके बाद कुछ विकेट गिर गए और फिर बेन स्टोक्स और जोस बटलर के बीच 110 रन की साझेदारी हुई, जिसने इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। हालांकि, बाजी आखिरी के कुछ ओवरों में पलटी, जब लगातार विकेट गिरते चले गए। इंग्लैंड की टीम 242 रन ही बना सकी और मुकाबला टाई हो गया, क्योंकि आखिरी गेंद पर 2 रन बनाने थे, लेकिन मार्क वुड रन आउट हो गए।
इंग्लैंड की पारी में सबसे ज्यादा हैरान करने वाला वाकया वो रहा, जब आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर बिना छक्का जड़े, 6 रन मिले। जी हां, ये सच है, क्योंकि बेन स्टोक्स दो रन के लिए दौड़े और जब मार्टिन गप्टिल ने थ्रो किया तो गेंद स्टोक्स के बल्ले से लगकर बाउंड्री के पार चली गई। इस तरह 2 रन प्लस लेग बाय के 4 रन टीम को मिले। हालांकि, मैच सुपर ओवर में पहुंच गया, जहां इंग्लैंड की ओर से बेन स्टोक्स और जोस बटलर बल्लेबाजी के लिए आए।
बटलर और स्टोक्स ने 15 रन ट्रेंट बोल्ट की 6 गेंदों पर बनाए। इसके बाद न्यूजीलैंड की ओर से मार्टिन गप्टिल और जेम्स नीशम बल्लेबाजी के लिए आए। पहली 5 गेंदों पर न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने 14 रन बना लिए थे। आखिरी गेंद पर जीत के लिए कीवी टीम को दो रन चाहिए थे, लेकिन मार्टिन गप्टिल दूसरा रन लेते समय रन आउट हो गए। इस तरह सुपर ओवर भी टाई हो गया, लेकिन इंग्लैंड के खेमे में जीत का जश्न शुरू हो गया था, क्योंकि इंग्लैंड की टीम खिताब जीत गई थी।
दरअसल, आइसीसी ने पहले ही नियम तय किए हुए थे कि अगर सेमीफाइनल और फाइनल मैच स्कोर बराबर होने की वजह से टाई होता है तो फिर सुपर ओवर होगा और सुपर ओवर भी टाई होता है तो बाउंड्री काउंट के आधार पर नतीजा निकाला जाएगा और ऐसा ही कीवी टीम के साथ भी हुआ जब मैच और फिर सुपर ओवर बराबरी पर खत्म होने के बाद इंग्लैंड की टीम को मैच में 26 बाउंड्री लगाने के कारण विजेता घोषित किया गया। वहीं, कीवी टीम 17 बाउंड्री लगा पाई थी।
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