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सचिन तेंदुलकर की साहसिक बल्लेबाजी का किस्सा, जब टॉप ऑर्डर हुआ फेल, तो...

jantaserishta.com
31 Jan 2022 3:56 AM GMT
सचिन तेंदुलकर की साहसिक बल्लेबाजी का किस्सा, जब टॉप ऑर्डर हुआ फेल, तो...
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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता हमेशा से प्रशंसकों को लुभाती रही है. क्रिकेट की पिच पर दोनों के बीच मुकाबला कभी आसान नहीं रहा. कांटे की टक्कर के बाद ही नतीजे निकल कर आए. ऐसे कई मैच यादगार बने, जिन्हें क्रिकेट के जानकार उदाहण के तौर पर पेश करते हैं.

इसी कड़ी में एक ऐसे टेस्ट मैच का उल्लेख किया जा सकता है, जो 23 साल पहले आज (31 जनवरी, 1999) ही के दिन चेन्नई में संपन्न हुआ था. भारत और पाकिस्तान की टीमें 9 साल बाद यानी दिसंबर 1989 के बाद पहली बार आमने-सामने हुई थीं. इस मैच का परिणाम भले ही भारत के पक्ष में नहीं रहा हो, लेकिन छोटे स्कोरों वाला यह टेस्ट सचिन तेंदुलकर की साहसिक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है..
पहली पारी में खाता नहीं खोल पाए थे सचिन
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वसीम अकरम की टीम 238 रनों पर सिमट गई. अनिल कुंबले ने अपनी लेग स्पिन से 6 विकेट निकाले, जबकि पेसर जवागल श्रीनाथ को 3 विकेट झटके. सचिन को भी एक सफलता मिली. भारत ने अपनी पहली पारी में 254 रन बनाए और उसे 16 रनों की ही बढ़त मिल पाई. सचिन इस पारी में खाता नहीं खोल पाए थे. ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक (5 विकेट) पाकिस्तान की ओर से सबसे सफल गेंदबाज रहे.
18 साल के शाहिद आफरीदी के 141 रनों की पारी की बदौलत पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में एक समय 4 विकेट पर 275 रन बना चुका था. ऐसा लग रहा था कि भारत को जीत के लिए बड़ा लक्ष्य मिलने वाला है. लेकिन इसके बाद जो हुआ, वो बेहद चौंकाने वाला रहा. 11 रन बनाने में पाकिस्तान की पूरी टीम सिमट गई. यानी पाकिस्तान की दूसरी पारी 286 रनों पर दम तोड़ गई और भारत को जीत के लिए 271 रनों का टारगेट मिला.
वेंकटेश प्रसाद की कहर बरपाती गेंदें
दरअसल, तब वेंकटेश प्रसाद की कहर बरपाती गेंदों के आगे पाक बल्लेबाज टीक नहीं पाए. वेंकटेश ने इस दौरान 18 गेंदों में एक भी रन नहीं दिया और 5 विकेट अपने नाम किए. (दूसरी पारी में वेंकटेश प्रसाद का गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 10.2-5, 33-6). इस पारी में सचिन ने भी 2 विकेट चटकाए.
271 रनों के लक्ष्य का पीछा करने भारतीय टीम ने 82 रनों पर अपने 5 विकेट गंवा दिए. सदगोपन रमेश (5), वीवीएस लक्ष्मण (0), राहुल द्रविड़ (10), कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (7) और सौरव गांगुली (2) ने निराश किया. भारत के इस हाल के लिए जिम्मेदार वसीम अकरम और वकार यूनुस की कहर बरपाती गेंदें रहीं. लेकिन तीसरे नंबर पर उतरे सचिन तेंदुलकर ने एक छोर संभाला और नयन मोंगिया (52) के साथ 136 रनों की बेशकीमती साझेदारी कर जीत की उम्मीदें बढ़ा दीं.
सकलैन पर भारी सचिन- बने 'मैन ऑफ द मैच
पिच पर सचिन की मौजूदगी से लक्ष्य करीब नजर आ रहा था. लेकिन 254 के स्कोर पर सकलैन की गेंद पर सचिन (136 रन) अकरम के हाथों लपके गए और यहीं भारत की उम्मीदें खत्म हो गईं. 258 रनों पर पूरी टीम सिमट गई और पाकिस्तान ने यह सासें रोक देने वाला यह बेहद रोमांचक मुकाबला 12 रनों से जीत लिया. पाकिस्तान के लिए इस पारी में सकलैन ने 5 विकेट चटकाए. अकरम (3) और वकार यूनुस (2) का तेज आक्रमण निर्णायक साबित हुआ. सकलैन मुश्ताक ने मैच में कुल 10 विकेट झटके, पर शतकवीर सचिन को 'मैन ऑफ द मैच' दिया गया.
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