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इस क्रिकेटर के खेलने पर डबल हो जाती थी मैच के टिकट की कीमत, 173 साल पहले आज ही हुआ था डब्ल्यू जी ग्रेस का जन्म

jantaserishta.com
18 July 2021 3:14 AM GMT
इस क्रिकेटर के खेलने पर डबल हो जाती थी मैच के टिकट की कीमत, 173 साल पहले आज ही हुआ था डब्ल्यू जी ग्रेस का जन्म
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मैच के टिकट के दाम उस खिलाड़ी के खेलने या न खेलने से तय होता था. इंग्लैंड में एक क्रिकेट ग्राउंड के दरवाजे पर आज भी लिखा है- 'क्रिकेट मैच एडमिशन 3 पेन्स, इफ डब्ल्यू जी ग्रेस प्लेज एडमिशन 6 पेन्स.' यानी ऐसे तो क्रिकेट मैच देखने के 3 पेन्स (अंग्रेजी सिक्के), अगर डब्ल्यू जी ग्रेस खेले तो 6 पेन्स. अब आप समझ गए होंगे, बात हो रही है 'फादर ऑफ क्रिकेट' कहे जाने वाले डब्ल्यू जी ग्रेस की.

आधुनिक क्रिकेट डब्ल्यू जी ग्रेस की ही देन
लंदन के ब्रिस्टल में आज ही (18 जुलाई) के दिन 1848 में डब्ल्यू जी ग्रेस का जन्म हुआ था. शानदार ऑलराउंडर- धुरंधर बल्लेबाज, चतुर गेंदबाज के अलावा गजब के फील्डर रहे ग्रेस कभी 'चैम्पियन' तो कभी 'डॉक्टर' उपनामों से जाने गए, लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान उनकी लंबी दाढ़ी थी. आधुनिक क्रिकेट डब्ल्यू जी ग्रेस की ही देन है. या दूसरे शब्दों में यूं कहें कि ग्रेस ही क्रिकेट के निर्माता हैं.
उन दिनों जब गिने-चुने टेस्ट मैच ही खेले जाते थे उस समय ग्रेस ने अपना टेस्ट करियर 32 वर्ष की उम्र में शुरू किया था. जो इंग्लैंड का अपनी धरती पर पहला टेस्ट मैच भी था. 1880 में ओवल में खेले गए उस टेस्ट में ग्रेस ने 152 रनों की पारी खेली थी.
आउट होना उन्हें कभी नहीं भाता था
ग्रेस बल्लेबाजी करते वक्त गेंद को शीघ्रता से समझने की अद्भुत क्षमता रखते थे. अल्फ्रेड शॉ ने एक बार उनके बारे में कहा था, 'मैं जहां भी चाहता उन्हें वहां गेंदें डालता था और यह बूढ़ा आदमी उसे जहां चाहता वहां मारने की काबिलियत रखता था.' ग्रेस बहुत 'मूडी' भी थे. आउट होना उन्हें कभी नहीं भाता था.
उनसे जुड़ा किस्सा यह भी है कि वह क्रिकेट की दुनिया के संभवतः पहले बल्लेबाज थे, जिन्होंने बोल्ड होने पर वापस गिल्लियां रखकर अपनी पारी जारी रखी. दरअसल, बोल्ड होने के बाद उन्होंने बेल्स को वापस स्टंप्स पर रखा और दोबारा खेलने लगे. किसी ने उनके साथ बहस करने की हिम्मत नहीं की. शरारती स्वभाव के ग्रेस की उड़ती चिड़ियों पर कंकड़ फेंकने की आदत थी, जिसे उनकी अच्छी फील्डिंग और गेंदबाजी का कारण माना गया.
अंतिम टेस्ट 51 साल की उम्र में खेला
जब ग्रेस ने अपना अंतिम टेस्ट खेला तब वह 51 वर्ष के हो चुके थे. 22 टेस्ट में ग्रेस ने 32.29 की औसत से 1098 रन बनाए. जिसमें उन्होंने दो शतक भी लगाए और 26.22 की औसत से कुल 9 विकेट निकाले.
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ग्रेस ने कुल 39.45 की औसत से 54,211 रन बनाए जिनमें उनके 124 शतक शामिल थे. इसके अलावा उन्होंने राउंड आर्म और फिर ओवर आर्म धीमी और मध्यम-धीमी लेग ब्रेक गेंदबाजी करते हुए 18.14 के एवरेज से कुल 2809 विकेट भी निकाले. इस दौरान 49 रन देकर पारी के सभी 10 विकेट लेने का कारनामा भी किया.
इस वजह से कहे जाते थे डॉक्टर
उनके पिता हेनरी मिल ग्रेस डॉक्टर थे और उन्हें भी डॉक्टर ही बनाना चाहते थे. इसलिए 1868 में ग्रेस ने ब्रिस्टल मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले लिया. लगातार क्रिकेट खेलते रहने की वजह से उन्हें मेडिकल की परीक्षा पास करने में 11 साल लग गए. और तभी से डॉक्टर कहलाए.
ग्रेस अपने 22 टेस्ट मैचों में से आखिरी 13 में इंग्लैंड के कप्तान रहे. पहले विश्व युद्ध के दौरान केंट में एक हवाई हमले के दौरान दिल का दौरा पड़ने से 23 अक्टूबर 1915 को उनका निधन हो गया. उन्हें तीन दिन बाद दफनाया गया.
ये हैं ग्रेस के अद्भुत कीर्तिमान
- फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पहले दो तिहरे शतक लगाने का कारनामा
- फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 50 हजार रन पूरे करने वाले पहले क्रिकेटर
- फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतकों का शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज
- इंग्लैड में पहला शतक बनाने के रिकॉर्ड के अलावा डेब्यू में शतक बनाने वाले पहले अंग्रेज क्रिकेटर. Live TV
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