भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आगाज बेहद रोमांचक रहा। शेर-ए-बांग्ला में खेला गया मुकाबला था जरूर लो स्कोरिंग लेकिन रोमांच का स्तर पूरे 8 घंटों तक बना रहा। भारतीय टीम पहले खेलते हुए 186 पर सिमट गई थी। जवाब में बांग्लादेश की भी पारी लड़खड़ा गई। आखिरी के क्षणों में मैच ऐसे मोड़ पर था जहां से कोई भी जीत सकता था, लेकिन भारत की जीत के बीच सबसे बड़ी दीवार बनकर जो खड़े रहे वो थे मेहदी हसन मिराज। उन्होंने नाबाद 38 रन बनाए और 10वें विकेट के लिए मुस्तफिजुर रहमान के साथ मैच विनिंग पार्टनरशिप कर डाली।
इस मुकाबले में जब बांग्लादेश का स्कोर 40वें ओवर में 128/4 से 136/9 हो गया था और अनुभवी बल्लेबाज महमूदुल्लाह व मुशफिकुर रहीम लगातार गेंदों पर आउट हो गए थे, तो भारतीय फैंस ही नहीं बल्कि बांग्लादेश को भी लग रहा था कि भारतीय टीम यह मैच आसानी से जीत जाएगी। लेकिन क्रिकेट को क्यों अनिश्चितताओं का खेल कहते हैं कल यह मुस्तफिजुर रहमान और मेहदी हसन मिराज की मैच विनिंग साझेदारी ने साबित कर दिया। मेहदी हसन ने अपनी इस मैच विनिंग पारी में चार चौके और दो छक्के लगाकर बांग्लादेश के लिए शानदार वापसी की। उन्होंने मैच के बाद यह भी बताया कि उन्होंने कैसे भारत के जबड़े से जीत को छीन लिया।
जीत के हीरो 'मिराज' ने खोला राज
मैच के बाद बांग्लादेश की जीत के हीरो मिराज ने कहा, 'मैं वास्तव में काफी खुश और उत्साहित हूं। जब हम क्रीज पर थे तो मुस्तफिजुर और मैंने सोचा था कि हमें विश्वास बरकरार रखने की जरूरत है। मैंने उन्हें (मुस्तफिजुर को) सिर्फ शांत रहने और 20 गेंदें खेलने के लिए कहा था। मैं केवल एक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने और उस रणनीति पर विश्वास करने के बारे में ही सोच रहा था।" प्लेयर ऑफ द मैच मेहदी हसन ने आगे कहा,'इस वक्त मैं गेंदबाजी का आनंद ले रहा हूं (नौ ओवर में 1/43)। मैंने गेंद से विकेट लेने की कोशिश की। मैंने गेंदबाजी का पूरी तरह लुत्फ उठाया। यह प्रदर्शन वास्तव में मेरे लिए यादगार है।"
भारतीय टीम इस मुकाबलो को जीत के बेहद करीब पहुंच गई थी। बांग्लादेश ने 136 पर अपना 9वां विकेट गंवा दिया था। भारतीय गेंदबाज हावी थे और बांग्लादेश के बल्लेबाज उस वक्त सहमे थे। बस एक विकेट और टीम इंडिया की जीत...लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मेहदी और मुस्तफिजुर के बीच दसवें विकेट के लिए 51 रन की साझेदारी ने भारत के हाथों से जीता हुआ मैच निकाल दिया। फील्डर्स ने कैच छोड़े, चौके छोड़े, दीपक चाहर ने रन लुटाए इसका फायदा बांग्लादेश ने उठा लिया। वनडे में बांग्लादेश के लिए 10वें विकेट की यह दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी थी। वहीं एकदिवसीय मैचों में सफल रन-चेस में दसवें विकेट के लिए चौथी सबसे बड़ी साझेदारी भी थी। यह एक ऐसा मैच था जिसके बारे में बांग्लादेश क्रिकेट टीम और उनके फैंस आने वाले कई सालों तक याद रखेंगे।