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भारतीय गेंदबाजी यूनिट के लिए पांचवां दिन काफी चुनौती भरा होगा
एजबेस्टन में पांचवें दिन की शुरुआत के साथ, भारत अपनी 2-1 की बढ़त बरकरार रखने और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज पर दावा करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल लड़ाई लड़ रहा है. चौथा दिन एक सबक था कि टेस्ट क्रिकेट में चीजें कैसे बदल सकती हैं, खासकर इस इंग्लिश टीम के खिलाफ, जिसकी दूसरी पारी की बल्लेबाजी 2022 में कुछ और ही थी. जिस तरह से उन्होंने पिछले दिन प्रदर्शन किया, उससे ये स्पष्ट होता है कि उनकी खेल योजना कही ज्यादा गंभीर थी और भारत दोपहर तक गर्मी महसूस करने लगा था. नए कप्तान जसप्रीत बुमराह की अगुवाई वाली भारतीय गेंदबाजी यूनिट के लिए पांचवां दिन काफी चुनौती भरा होगा
भारतीय बल्लेबाजी ने वास्तव में उस स्तर के साथ न्याय नहीं किया जिसके साथ वो पहली पारी में खेले थे और इंग्लिश गेंदबाजों को वापस आने का समय दिया जब उन्हें वापसी के सारे दरवाजे बंद करने चाहिए था. कई बल्लेबाज बस चुनौती पर खरे नहीं उतरे और आक्रमण को इंग्लिश गेंदबाजों की तरफ जाने दिया. A
मेजबान इस तरह की स्थितियों पर पनपने लगते हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में खत्म हुई सीरीज में, इंग्लैंड ने पहले टेस्ट में 78.5 ओवर में 279/5 और दूसरे में सिर्फ 50 ओवरों में अविश्वसनीय 299/5 और तीसरे में समान रूप से प्रभावशाली 396/7 (54.2 ओवर) का स्कोर बनाया और सीरीज 3-0 से स्वीप की. सभी मैच में नायक मुख्य तौर पर तीन थे – जो रूट, जॉनी बेयरस्टो और कप्तान बेन स्टोक्स
ये कहने की जरूरत नहीं है कि वो बड़े लक्ष्यों का पीछा करने की चुनौती पर फलते-फूलते हैं, जो उस समय से ही स्पष्ट था जब स्टोक्स ने भारत के खिलाफ टॉस जीतकर फील्डिंग चुनी. भारत 377 का लक्ष्य निर्धारित करने में कामयाब रहा, जो कि परिस्थितियों में उतना नहीं था जितना वो चाह रहे होंगे. आखिर में, उनके पास यही बचा है जिससे लिए संघर्ष करना अभी बाकी है.
तो, पांचवें दिन क्या विकल्प हैं? ये सब पहले सेशन में किसी भी तरह से तय किया जा सकता है, इसलिए पहली जरूरत रनों को सीमित करने की होगी, इतना कि बल्लेबाज कुछ असाधारण करने की कोशिश करें. भारत केवल एक स्पिनर के साथ गंभीर रूप से प्रभावित है, इसलिए ये माना जाता है कि बुमराह को फिर से अटैक का नेतृत्व करना होगा, हालांकि दूसरे छोर से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है.
मोहम्मद शमी सोमवार को बल्ले या स्टंप का किनारा ना पाकर थोड़े बदकिस्मत रहे, जबकि रवींद्र जडेजा को सभी इंग्लिश बल्लेबाजों ने कुशलता से संभाला. मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर पर्याप्त समर्थन प्रदान करने में सक्षम नहीं थे, सिराज छह रन प्रति ओवर दे रहे थे जो कि आदर्श नहीं है. ये आसान नहीं होगा. चौथे दिन क्रीज पर टिके बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं और अभी स्टोक्स और ड्रेसिंग रूम में बैठे सैम बिलिंग्स का आना बाकी है. ये भारत के लिए काफी चुनौती भरा है, और इससे बाहर निकलने के लिए उनके लिए भाग्य को कुछ गंभीर मोड़ लेना होगा. लेकिन हम केवल उम्मीद कर सकते हैं.
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