सदमे में थे टीम इंडिया के खिलाड़ी, महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास पर हुआ चौंकाने वाला खुलासा
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ऐसे फैसले लेते हैं, जिसकी लोगों को कम ही उम्मीद होती है। चाहे वो 2007 टी20 विश्व कप फाइनल का अंतिम ओवर जोगिंदर शर्मा को देने के बारे में हो या 2011 विश्व कप फाइनल में फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह से आगे बल्लेबाजी के लिए आना हो। धोनी क्या करते हैं ये सिर्फ वही जानते हैं। धोनी को हमेशा चौंकाना वाला फैसला लेने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने साल 2014 में 33 साल की उम्र में अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। भारतीय टीम उस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी और रवि शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के डायरेक्टर थे। शास्त्री अब ने धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। माही ने अपना आखिरी टेस्ट मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला था।
टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान कहा, 'यह हैरानी भरा था। वह मेरे पास आया और कहा 'मैं लड़कों से कुछ कहना चाहता हूं'। मैंने कहा क्यों नहीं। मुझे लगा कि वह ड्रॉ के बारे में कुछ कहने जा रहा है। मैं ड्रेसिंग रूम के चारों ओर सभी के चेहरे ही देख रहा था। जब धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की तो ज्यादातर खिलाड़ी सदमे में थे। धोनी इसी तरह के इंसान हैं। वो निडर और निस्वार्थ हैं।' धोनी की कप्तानी में भारत ने 60 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से टीम इंडिया 27 मुकाबले जीतने में सफल रही। बतौर खिलाड़ी धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए। उनके नाम 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं।
उन्होंने कहा, 'वह संन्यास का ऐलान करने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे। वह जानता था कि उसका शरीर और कितना खेल सकता है। वह व्हाइट बॉल क्रिकेट में अपने करियर को ज्यादा लंबा करना चाहते थे। जब आपका शरीर आपको बताता है कि यह पर्याप्त है, तो यह पर्याप्त है। इसके बारे में कोई दूसरा विचार नहीं है। धोनी ने संन्यास का फैसला तभी लिया, जब वो यह समझ गए थे कि विराट कोहली टीम की कप्तानी करने के लिए तैयार हैं।'