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टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा, सामने आई ये चौंकाने वाली वजह

Shiddhant Shriwas
1 Nov 2021 8:48 AM GMT
टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा, सामने आई ये चौंकाने वाली वजह
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टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अब उसके लिए सेमीफाइनल के दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं.

दुबई: टी20 वर्ल्ड कप 2021 में विराट कोहली, रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे बड़े नामों के साथ उतरी टीम इंडिया सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर होने की कगार पर है. भारतीय क्रिकेट टीम की ऐसी हालत देखकर क्रिकेट जगत हैरान है. टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अब उसके लिए सेमीफाइनल के दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं. भारत को उसके पहले लगातार दो मैचों में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड ने बुरी तरह हराकर टी20 वर्ल्ड कप 2021 से लगभग बाहर धकेल दिया है. एक बार फिर बतौर कप्तान विराट कोहली ICC टूर्नामेंट्स में फ्लॉप साबित हुए हैं.

कोहली की कप्तानी में क्यों लगातार हार रही टीम इंडिया?

टीम इंडिया की लगातार हार का कारण उसके खिलाड़ियों में अपनी जगह को लेकर हो रही दुविधा को माना जा सकता है. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में मैच दर मैच जितने बदलाव देखने को मिल रहे हैं, शायद उतने किसी भारतीय कप्तान की कप्तानी में देखने को मिले हों. विराट कोहली की कप्तानी में एक हार के बाद ही अगले मैच की प्लेइंग इलेवन में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं, जो खिलाड़ियों के मन में डर पैदा करता है. टी20 वर्ल्ड कप 2021 में पाकिस्तान के खिलाफ एक हार के बाद ही सूर्यकुमार यादव और भुवनेश्वर कुमार को बाहर का रास्ता दिखा गया, इससे बाकी खिलाड़ियों में भी अपनी जगह को लेकर डर पैदा हो गया. इसी कारण कई खिलाड़ी अपना नेचुरल परफॉरमेंस नहीं कर पाए.

वर्ल्ड कप जीतने के मामले में क्यों कोहली से ज्यादा सफल थे धोनी?

धोनी (MS Dhoni) अपनी कप्तानी में किसी भी क्रिकेटर को असुरक्षित महसूस नहीं करवाते थे और उनके टीम सेलेक्शन में निरंतरता दिखती थी. यही वजह थी कि एक कप्तान के तौर पर वो इतने सफल रहे. धोनी खिलाड़ियों को हमेशा टीम में अपनी जगह को लेकर सुरक्षित महसूस कराते थे और ये उनकी कप्तानी की सबसे बड़ी खासियत थी. धोनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं करते थे और इसी वजह से वो इतने बेहतर कप्तान थे. वो टीम में किसी को भी असुरक्षित महसूस नहीं करवाते थे. धोनी पूरे टूर्नामेंट में लगभग एक जैसी टीम खिलाते थे. धोनी की कप्तानी में लीग स्टेज से लेकर नॉकआउट स्टेज तक लगभग एक जैसी टीम रहती थी. धोनी के पास हमेशा से ही ऐसे खिलाड़ी थे जो बड़े मुकाबले में रन बनाते थे.

टीम इंडिया की किस्मत खराब

न्यूजीलैंड के खिलाफ अहम मुकाबले में टॉस हारना टीम इंडिया की हार का कारण साबित हुआ. दुबई की पिच पर न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने हालात का जमकर फायदा उठाया और भारत को 110 रनों पर ही रोक दिया. इसके बाद न्यूजीलैंड की बैटिंग के दौरान ओस ने टीम इंडिया के गेंदबाजों को परेशान किया. न्यूजीलैंड ने आसानी से 14.3 ओवर में ही लक्ष्य हासिल करते हुए जीत दर्ज कर ली. टॉस यहां इसलिए अहम था, क्योंकि दूसरी पारी में ओस काफी असर डालती है.

कैसे मैच हार गई टीम इंडिया?

बता दें कि टीम इंडिया ने 7 विकेट पर 110 रन का मामूली स्कोर बनाया जो न्यूजीलैंड की टीम के लिए कुछ नहीं था. कीवी टीम ने इसे पंद्रह ओवर में हासिल कर लिया. भारतीय टीम के लिए बैटिंग में हर बल्लेबाज फ्लॉप रहा. रवींद्र जडेजा ने सबसे ज्यादा 26 रनों की पारी खेली. इस हार के बाद टीम इंडिया के लिए आगे की राह मुश्किल हो गई है. भारतीय टीम की हार के बाद ट्विटर पर भी फैन्स ने अपना गुस्सा दिखाया और आईपीएल को बैन करने की मांग तक कर दी. फैन्स टीम के खराब प्रदर्शन से काफी ज्यादा नाराज नजर आए.

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