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टी-20 वर्ल्ड कप के पहले एडिशन में टीम इंडिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने हिस्सा नहीं लिया। धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और जहीर खान के बिना उतरी थी।
टी-20 वर्ल्ड कप के पहले एडिशन में टीम इंडिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने हिस्सा नहीं लिया। धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और जहीर खान के बिना उतरी थी। युवा टीम से किसी को ज्यादा उम्मीदें नहीं थी। लेकिन इस टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप 2007 का खिताब जीतकर सबको हैरान कर दिया। धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने 14 साल पहले आज ही के दिन टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में शिकस्त दी थी।
24 दिसंबर 2007 को टी-20 वर्ल्ड का फाइनल भारत और पाकिस्तामन के बीच खेला गया। टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गौतम गंभीर ने भारत की तरफ 54 गेंदों में 75 रन की पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 8 चौके और दो छक्के जड़े। उनके अलावा रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 30 रन की तूफानी पारी खेली। भारत ने निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए। 158 रनों का लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही।
पाकिस्तान के 77 रन पर 6 विकेट गिर चुके थे। लेकिन मिस्बाह उल हक ने एक छोर संभाले रखा। पाकिस्तान को आखिरी 5 ओवरों में जीतने के लिए 59 रन चाहिए थे। 17 वें ओवर में मिस्बाह ने हरभजन सिंह के ओवर में तीन छक्के जड़कर भारत की परेशानी बढ़ा दी। पाकिस्तान को आखिरी 12 गेंदों में 20 रन की जरूरत थी। 19 वें ओवर में तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने 7 रन देकर एक विकेट लिया। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीतने के लिए 13 रन चाहिए थे। धोनी ने गेंद युवा गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को थमा दी। धोनी के इस फैसले से हर कोई हैरान था।
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