T20 World Cup: 2016 में दक्षिण अफ्रीका से खेले थे, दो देशों से विश्व कप खेलने वाले तीसरे खिलाड़ी
डेविड विसे ने पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के 12 दिन के भीतर टी20 विश्व कप भी खेल लिया। उन्होंने पांच अक्तूबर को नामीबिया के लिए अपना पहला मैच खेला था और 18 को विश्व कप मुकाबले में उतर गए। हालांकि यह 36 वर्षीय ऑलराउंडर श्रीलंका के खिलाफ मैच में सात गेंदों में सिर्फ छह रन ही बना पाया। गेंदबाजी में दो ओवर में 11 रन दिए।
लेकिन बुधवार को विसे ने नाबाद अर्द्धशतकीय पारी खेलकर नामीबिया को विश्व कप में उसकी पहली जीत दिला दी। नामीबिया पहली बार विश्व कप में खेल रहा है। यही नहीं वह दो देशों से विश्व कप खेलने वाले दुनिया के तीसरे खिलाड़ी भी बने। पांच साल पहले वह दक्षिण अफ्रीका की ओर से खेले थे। उनके अलावा डिर्क नैनेस और रोल्फ वान डेर मर्व ही यह उपलब्धि हासिल की है।
2016 में दक्षिण अफ्रीका से खेले थे, दो देशों से विश्व कप खेलने वाले तीसरे खिलाड़ी
डेविड के पिता नामीबिया के हैं और परिवार यहीं पर रहता है। आठ साल (2013) पहले दक्षिण अफ्रीका की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले डेविड ने अपने देश के लिए छह वनडे और 20 टी20 मैच खेले। उन्होंने 2016 विश्व कप में तीन मैच खेले जिसमें 28 रन बनाने के अलावा एक विकेट चटकाया। विश्व कप के निराशाजनक प्रदर्शन से उबरने के लिए उन्होंने काउंटी क्रिकेट का रुख किया और ससेक्स से तीन साल का करार किया। इस दौरान वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हो गए। इसके चलते दक्षिण अफ्रीकी टीम में वापसी करने में नाकाम रहे।
2009 में ऑरेंज तो 2010 में पीली जर्सी में खेले डिर्क
डिर्क टी20 विश्व कप में खेलने वाले पहले क्रिकेटर बने थे। वह 2009 में नीदरलैंड और 2010 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेले थे। उनके माता-पिता नीदरलैंड के प्रवासी थे जो ऑस्ट्रेलिया में बसे थे। इसके चलते उनके पास नीदरलैंड का भी पासपोर्ट था। उन्हें 2009 में ऑस्ट्रेलिया की टीम में नहीं चुना गया था। इसके चलते उन्होंने नीदरलैंड का रुख किया। उन्हें नीदरलैंड की ओर से बिना कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेले सीधे विश्व कप टीम में चुन लिया गया।
28 विकेट लिए डिर्क ने 17 टी20 मैचों में 16.39 की औसत से
इस तेज गेंदबाज ने पांच जून 2009 को लॉर्ड्स में ऑरेंज जर्सी में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टी20 मुकाबला खेला जो यादगार रहा। नीदरलैंड ने विश्व कप के इस मुकाबले में इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने 2010 में पीली जर्सी में टी20 विश्व में ऑस्ट्रेलिया को प्रतिनिधित्व किया। इसमें वह सात मैचों में 13.07 की औसत से 14 विकेट चटकाकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे।
दक्षिण अफ्रीका से खेलने के बाद अब नीदरलैंड से खेले रहे मर्व
दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में पैदा हुए मर्व लगातार दूसरी बार टी20 विश्व कप में नीदरलैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने अपना पहला टी20 मैच 2009 में दक्षिण अफ्रीका की ओर से ऑस्ट्र्रेलिया के खिलाफ खेला था। उन्होंने पहले ही मैच में 48 रन बनाने के साथ ही एक विकेट भी लिया था। इसके चलते वह मैन ऑफ द मैच बने। इसके बाद वह टीम के नियमित सदस्य बन गए। यह ऑलराउंडर 2010 विश्व कप में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाया।
54 विकेट टी20 में 18.01 की औसत से लिए हैं मर्व ने। साथ ही दो अर्द्धशतकों से 454 रन भी बनाए हैं
इसके बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीकी टीम से दरकिनार कर दिया गया। मर्व ने अपना अंतरराष्ट्रीय कॅरिअर बचाए रखने के लिए जून 2015 में नीदरलैंड का वीजा हासिल किया। इसी साल उनका चयन नीदरलैंड टीम में हो गया। तब से वह नियमित रूप से टीम के सदस्य बने हुए हैं। 2016 में विश्व कप खेलने वाले मर्व इस बार भी नीदरलैंड से खेल रहे हैं। वह मौजूदा विश्व कप के दो मैचों में कोई विकेट नहीं ले सके हैं।