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T20 World Cup : अश्विन ने 2016 के बाद पहली बार टी20 क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए लिया विकेट

Shiddhant Shriwas
4 Nov 2021 12:20 PM GMT
T20 World Cup : अश्विन ने 2016 के बाद पहली बार टी20 क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए लिया विकेट
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गुरूवार को भारतीय टीम (India Cricket Team) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) आए. मीडिया के पास मोटे तौर पर उनसे पूछे जाने के लिए दो मुद्दे थे.

गुरूवार को भारतीय टीम (India Cricket Team) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) आए. मीडिया के पास मोटे तौर पर उनसे पूछे जाने के लिए दो मुद्दे थे. पहला- अफगानिस्तान (Afghanistan) के खिलाफ उनकी गेंदबाजी, दूसरा- स्कॉटलैंड (Scotland) के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले मैच की तैयारी. दिलचस्प बात ये है कि पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहला ही मुद्दा ज्यादा छाया रहा. घुमा-फिराकर हर सवाल का लब्बोलुआब यही था कि चार साल बाद जब फटाफट क्रिकेट में वो वापस आए हैं तो क्या कहना चाहेंगे? दरअसल, आर अश्विन को लेकर ड्रेसिंग रूम के सूत्रों में ये चर्चा बहुत आम रही कि वो अब कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) की पहली पसंद नहीं हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि भारतीय टीम के मौजूदा मेंटॉर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) भी अब अश्विन को पहले की तरह पसंद नहीं करते.

इसकी तह में जाएंगे तो शायद कोई और ही कहानी निकल कर आए लेकिन ये सच है कि लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी फटाफट क्रिकेट में आर अश्विन को प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिल पा रही थी. काफी समय तक युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के अच्छे प्रदर्शन की वजह से भी उन्हें इंतजार करना पड़ा. बाद में रवींद्र जडेजा की भी टीम में वापसी हो गई लेकिन अश्विन की किस्मत में इंतजार करना ही लिखा था. टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2021) की टीम में भी चुने गए तो पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अहम मैच में विराट कोहली ने वरुण चक्रवर्ती को प्राथमिकता दी. हालांकि दोनों ही मैच भारत को बड़े अंतर से गंवाने पड़े.
"जिंदगी एक 'सर्किल' है…"
अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत करते हुए कहा कि जब उन्हें टी20 विश्व कप की टीम में चुना गया तो वो उनके लिए खास लम्हा था. अश्विन ने कहा- "जिंदगी एक 'सर्किल' की तरह है. किसी के लिए ये 'सर्किल' छोटा है किसी के लिए बड़ा. मैंने बुरे समय में संयमित रहना सीखा. मुझे किसी दूसरे के लिए बल्कि अपने अपनी उपयोगिता साबित करनी थी. मैं मेहनत करता रहा और इस बात के लिए हमेशा तैयार रहा कि आप कहीं भी तीन विकेट रख दीजिए मैं गेंदबाजी कर लूंगा".
अश्विन कहना ये चाहते थे कि जिंदगी में अच्छा बुरा समय हर किसी के आता है. उन्होंने कायमाबी को लेकर शेन वॉर्न और सचिन तेंदुलकर का भी उदाहरण दिया. अश्विन ने अफगानिस्तान के खिलाफ मिली कामयाबी और बतौर स्पिनर किफायती होना बनाम विकेट लेना के सवाल का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा,
"मैं 2007-08 से इस फॉर्मेट में खेल रहा हूं. ये खेल बहुत तेजी से बदलता है. विकेट मिलने के पीछे हमेशा 'डॉट बॉल्स' होती हैं जो बल्लेबाज पर दबाव बनाती हैं. इस प्रक्रिया के दौरान मैं टीम 'इंटरेस्ट' के बारे भी सोचता हूं. मेरे लिए हर एक मैच 24 गेंद का एक इवेंट है, जिसमें हर बार मैं जीतना चाहता हूं. अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में मिली कामयाबी मेरे लिए एक 'स्पेशल नाइट' है."
4 साल पहले टूटा था फटाफट क्रिकेट से रिश्ता
दरअसल 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के पहले सब कुछ अच्छा चल रहा था. अश्विन और रवींद्र जडेजा भारतीय टीम में बतौर स्पिनर लगभग नियमित खेलते थे. लेकिन 18 जून 2017 को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के बाद हालात पूरी तरह बदल गए. विराट की कप्तानी में खिताबी लड़ाई पाकिस्तान से थी. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 338 रन बना दिए. भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पंड्या को छोड़कर बाकी सभी भारतीय गेंदबाज महंगे साबित हुए थे. बदकिस्मती से उस मैच में ना तो अश्विन को विकेट मिले थी और ना ही रवींद्र जडेजा को.
अश्विन ने 7 की इकॉनमी से रन दिए थे और जडेजा ने 8.37 की इकॉनमी से. 339 रन के लक्ष्य का दवाब भारतीय टीम के बल्लेबाज झेल नहीं पाए. सिर्फ 30.3 ओवर में 158 रन पर भारतीय टीम सिमट गई. पाकिस्तान के बड़े टूर्नामेंट के सबसे बड़े मैच में 180 रन की बड़ी जीत हासिल की थी.
बस इसी के बाद आर अश्विन को फटाफट क्रिकेट से बाहर किया गया. अश्विन टेस्ट टीम में लगभग लगातार ही रहे. इस दौरान जो भी ऐतिहासिक जीत भारत ने दर्ज की उसमें अश्विन का रोल रहा. ऑस्ट्रेलिया में मिली शानदार जीत के वो हीरो थे. लेकिन फटाफट क्रिकेट में उन्हें 'कंसिडर' नहीं किया जा रहा था. वो जगह कुलदीप और चहल की जोड़ी ने ले रखी थी. लेकिन अब वो जोड़ी भी टूट चुकी है. अश्विन वापस आ चुके हैं. जडेजा के साथ एक बार फिर उन्हें प्लेइंग 11 में जगह मिल चुकी है. तो क्या आर अश्विन का क्रिकेट सर्किल पूरा हो गया है, आर अश्विन की भाषा में 'सर्किल' कभी पूरा नहीं होता. उसमें पड़ाव आते रहते हैं.


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