जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आइसीसी टी-20 विश्व कप 2021 का पहला सेमीफाइनल उन दो टीमों के बीच खेला जाएगा, जिनके बीच आइसीसी वनडे विश्व कप 2019 का खिताबी मुकाबला खेला गया था। न्यूजीलैंड को उस मुकाबले में हार मिली थी, लेकिन उसने दुनियाभर के प्रशंसकों का दिल जीतने में कामयाबी हासिल की थी। उसके बाद न्यूजीलैंड ने पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की ट्राफी जीतकर इसकी भरपाई की और अब न्यूजीलैंड ने वो मौका हासिल किया है कि वो अपनी ट्राफियों की कैबिनेट में टी-20 विश्व कप का खिताब भी संजोकर रख सकती है। हालांकि ये इतना भी आसान नहीं होगा क्योंकि टीम को इंग्लैंड की मजबूत टीम के खिलाफ खेलना है, जो सीमित ओवर प्रारूप में कई साल से जबरदस्त खेल दिखा रही है।
आस्ट्रेलिया में 2015 के वनडे विश्व कप में ग्रुप स्टेज से बाहर होने की शर्मिंदगी झेलने के बाद से इंग्लैंड ने सीमित ओवर प्रारूप में अपनी सोच को काफी बदला है। अब उनकी ये सोच और नजरिया इस टीम के हैरतअंगेज प्रदर्शन में साफ देखा जा सकता है। इंग्लैंड की टीम खुशकिस्मत थी कि उस निराशाजनक विश्व कप के तुरंत बाद न्यूजीलैंड की टीम ने ब्रैंडन मैकुलम की अगुआई में उसके यहां का दौरा किया। मैकुलम ने आइपीएल इतिहास के पहले मैच में 158 रन की ऐसी पारी खेली थी जिसके बाद से ये टूर्नामेंट लगातार उड़ान भर रहा है। उस सीमित ओवर की सीरीज में न्यूजीलैंड ने जैसा प्रदर्शन किया, इंग्लैंड ने उससे एक कदम आगे जाकर प्रदर्शन कर दिखाया। उन्होंने गेंद दर गेंद न्यूजीलैंड से बेहतर खेल दिखाया और सीमित ओवर क्रिकेट में ऐसा अंदाज हासिल किया जिसने उसे अगले ही विश्व कप में चैंपियन बना दिया।
इंग्लैंड ने इससे पहले साल 2010 में वेस्टइंडीज में हुए टी-20 विश्व कप में कोलिंगवुड की कप्तानी में खिताबी जीत हासिल की थी। तब केविन पीटरसन इस टीम की बल्लेबाजी की जान हुआ करते थे। अब इंग्लैंड की टीम के पास पीटरसन जैसे कई खिलाड़ी हैं जो उनसे भी ज्यादा दूरी तक गेंद पहुंचा सकते हैं। जोस बटलर, जानी बेयरस्टो, लियाम लिविंगस्टोन गेंद को मीलों दूर फेंक सकते हैं। और जब कप्तान मोर्गन लय में हों तो वह दर्शकों को हेलमेट पहनने की कमी महसूस करा सकते हैं। इंग्लैंड को इस टूर्नामेंट में अभी तक बतौर बल्लेबाज मोर्गन की अधिक जरूरत नहीं पड़ी है और बतौर कप्तान मोर्गन ने दिखाया है कि वह क्यों सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं। उनका गेंदबाज बदलना और सटीक फील्ड प्लेसमेंट सुनिश्चित करती है कि विपक्षी बल्लेबाजों को आजादी से खेलने का मौका न मिल सके।
केन विलियमसन भी इसी तरह के कप्तान हैं। बेहद शांत, धैर्यवान और अपनी टीम में बेहद सम्मानप्राप्त। न्यूजीलैंड की टीम इस बात से खुश होगी कि वो चर्चा में नहीं रहती क्योंकि इससे अपेक्षाओं का बोझ भी कम हो जाता है। हालांकि मैदान पर ये टीम काफी खतरनाक हो जाती है जो जानती है कि किस मौके पर क्या करना है। न्यूजीलैंड की टीम में बल्लेबाजों और गेंदबाजों का अच्छा संयोजन है और उनकी फील्डिंग ने तो इस टूर्नामेंट ने आग ही लगा रखी है। ये इस टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ मुकाबला हो सकता है। दुख की बात है कि दोनों में से एक टीम को हारना होगा।
केन विलियमसन भी इसी तरह के कप्तान हैं। बेहद शांत, धैर्यवान और अपनी टीम में बेहद सम्मानप्राप्त। न्यूजीलैंड की टीम इस बात से खुश होगी कि वो चर्चा में नहीं रहती क्योंकि इससे अपेक्षाओं का बोझ भी कम हो जाता है। हालांकि मैदान पर ये टीम काफी खतरनाक हो जाती है जो जानती है कि किस मौके पर क्या करना है। न्यूजीलैंड की टीम में बल्लेबाजों और गेंदबाजों का अच्छा संयोजन है और उनकी फील्डिंग ने तो इस टूर्नामेंट ने आग ही लगा रखी है। ये इस टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ मुकाबला हो सकता है। दुख की बात है कि दोनों में से एक टीम को हारना होगा।