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T20 WC: सात महीने तक साथ में कोई अंतरराष्ट्रीय टी-20 नहीं खेलना भारत की हार का अहम कारण

Shiddhant Shriwas
1 Nov 2021 3:16 AM GMT
टी-20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम के बॉडी लैंग्वेज और माइंडसेट पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

टी-20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम के बॉडी लैंग्वेज और माइंडसेट पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। कई फैंस सोशल मीडिया टीम इंडिया की बल्लेबाजी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं, कई फैंस का मानना है कि अहम मुकाबले में बल्लेबाजी क्रम बदलना हार का अहम कारण रहा।

ईशान किशन की बजाय रोहित शर्मा को ओपनिंग भेजा जाना चाहिए था। हालांकि, हार के अहम कारणों में से एक है टीम इंडिया के खिलाड़ियों का एकजुट नहीं हो पाना। भारत के मौजूदा टी-20 टीम में शामिल ज्यादातर खिलाड़ी करीब सात महीने बाद एक साथ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे थे।

मार्च में पूरी मजबूती के साथ खेली भारतीय टीम

भारतीय टीम अपनी पूरी ताकत के साथ पिछली बार इस साल मार्च में खेली थी, जब उन्होंने इंग्लैंड को घरेलू टी-20 सीरीज में हराया था। उस टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, भुवनेश्वर कुमार, केएल राहुल, ऋषभ पंत, युजवेंद्र चहल, शिखर धवन समेत कई सीनियर खिलाड़ी खेल रहे थे। इसके बाद टीम कोई भी अंतरराष्ट्रीय टी-20 टूर्नामेंट पूरी मजबूती के साथ नहीं खेली है।

श्रीलंका दौरे पर भारत की बी-टीम गई थी

भारतीय टीम ने मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बाद सिर्फ जुलाई में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज खेली है। इस दौरे पर भारत की बी टीम गई थी। जिसमें विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ऋषभ पंत, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ी नदारद थे। ये सभी इंग्लैंड के दौरे पर थे। श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में सिर्फ हार्दिक पांड्या, ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव और वरुण चक्रवर्ती खेल रहे थे।

मार्च से अक्तूबर तक सिर्फ दो टी-20 सीरीज

इस सीरीज के बाद टीम इंडिया ने कोई टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज नहीं खेली। इंग्लैंड दौरे पर गए खिलाड़ी सीधे आईपीएल खेलने के लिए यूएई पहुंचे। वहीं, बी-टीम के खिलाड़ी भी आईपीएल खेलने पहुंचे। आईपीएल के बाद सीधे टीम टी-20 विश्व कप में उतरी और दो वार्म अप मैच खेले। टीम इंडिया से यहीं चूक हुई और खिलाड़ी एकजुट होने में नाकाम रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि टीम इंडिया और कप्तान विराट कोहली को अपनी मजबूती का पता ही नहीं चल सका।

इंग्लैंड और पाकिस्तान ने कई सीरीज खेलीं

वहीं, अगर बात करें इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी टीमों की तो उन्होंने बीच में कई टी-20 सीरीज खेली हैं और उन्होंने अपने खिलाड़ियों का सही परीक्षण किया। उन्होंने जाना कि कौन से बल्लेबाज को कहां मौका देना है और कौन से गेंदबाज को कहां गेंदबाजी देनी चाहिए। इंग्लैंड और पाकिस्तान ने टीम बनाई और विश्व कप में वही खिलाड़ी सही समय पर क्लिक कर गए।

भारतीय टीम बाहर होने की दहलीज पर

भारतीय टीम अगर बीच में एक या दो सीरीज साथ खेली होती तो उन्हें एकजुट होने और टीम बनाने में मदद मिलती। कप्तान कोहली को उनकी मजबूती और कमजोरी के बारे में पता चल सकता और इससे हो सकता है टीम इंडिया को फायदा होता, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। नतीजा यह हुआ कि भारतीय टीम सात दिनों के अंदर लगातार दो मैचों में हार के बाद अब विश्व कप से बाहर होने की दहलीज पर खड़ी है।

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