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सुनील गावस्कर ने विराट कोहली की टीम को लेकर कही ये बात

Ritisha Jaiswal
5 Oct 2021 6:30 PM GMT
सुनील गावस्कर ने विराट कोहली की टीम को लेकर कही ये बात
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पंजाब पर आसान जीत के बाद अब बेंगलुरु की टीम हैदराबाद को मात देकर अंक तालिका में शीर्ष दो स्थानों पर नजरें जमाए होगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पंजाब पर आसान जीत के बाद अब बेंगलुरु की टीम हैदराबाद को मात देकर अंक तालिका में शीर्ष दो स्थानों पर नजरें जमाए होगी। ऐसे में बेंगलुरु की टीम एक मैच बाकी रहते चेन्नई के बराबर अंक हासिल कर लेगी। बेंगलुरु का आखिरी मैच शीर्ष पर विराजमान दिल्ली से होगा और ये मुकाबला फाइनल से पहले का फाइनल भी हो सकता है। ग्लेन मैक्सवेल को चुनना बेंगलुरु के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा और उन्होंने जबरदस्त पारियों से इस फैसले को सही साबित भी किया। सभी की निगाहों से दूर और बिना अपेक्षाओं का केंद्र बने उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बाहर निकाला। हमने मैक्सवेल को लंबे समय तक इतना खुश और मैदान पर हंसते नहीं देखा था जैसा कि वह अब नजर आ रहे हैं। और जब वह इस तरह बल्लेबाजी करते हैं तो विपक्षी टीम के प्रशंसकों के चेहरों पर भी मुस्कान आ जाती है।

विराट कोहली पारी को वैसी ही शुरुआत दे रहे हैं जिसकी उन्हें जरूरत है। और अब पंजाब के खिलाफ एबी डीविलियर्स भी गेंद को अच्छी तरह हिट करते नजर आए तो बेंगलुरु की बल्लेबाजी बेहद खतरनाक दिख रही है। बेंगलुरु ने इस सत्र में जो सबसे अच्छा काम किया है वो ये कि उसने बीच के ओवरों में युजवेंद्रा सिंह चहल की जादुई गेंदबाजी का बेहतर इस्तेमाल किया है। इस दौरान विपक्षी बल्ले बिल्कुल खोए-खोए नजर आते हैं। जब किसी खिलाड़ी से इस तरह की बेहतरीन लेग स्पिन गेंदबाजी देखने को मिलती है तो हैरानी होना स्वाभाविक है कि उन्हें भारतीय टीम से बाहर कैसे रखा जा सकता है। हालांकि भारतीय टीम में शामिल स्पिनरों रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, आर अश्विन और वरुण चक्रवर्ती ने भी इस टूर्नामेंट में धीमी होती पिचों पर शानदार प्रदर्शन किया है। भारत के लिए चिंता की बात ये है कि अपनी-अपनी फ्रेंचाइजियों के लिए उसके तेज गेंदबाजों ने साधारण प्रदर्शन किया है। और अगर हार्दिक पांड्या टूर्नामेंट से पहले गेंदबाजी नहीं करते हैं तो टीम का संतुलन बनाए रखने में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।
उम्मीद थी कि हैदराबाद मैदान में उतरकर अपने खेल का लुत्फ उठाएगी और कुछ उलटफेर करेगी, लेकिन टीम को अब भी अपनी कैद से निकलने में मुश्किल हो रही है और इसीलिए टीम सबसे निचले पायदान पर और भी धंसती जा रही है। तूफानी गेंदबाजों के अभाव के चलते टीम के हाथ जैसे बंध गए हैं। बेशक उमरान मलिक तेज हैं लेकिन वो अभी युवा हैं और उन्हें विरोधी बल्लेबाजों को ध्वस्त करने में समय लगेगा। हैदराबाद के युवा खिलाडि़यों ने अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं किया है। इसने दिखाया है कि अंडर-19 स्तर पर बराबरी की अनुभवहीन टीम से खेलते वक्त प्रदर्शन करना और बात होती है लेकिन जब आप ऐसे बड़े प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट में खेलते हैं तो प्रदर्शन का स्तर अलग हो जाता है। कम लोगों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिलती है। बेंगलुरु के कप्तान विराट कोहली इसका एक शानदार उदाहरण हैं. लेकिन अन्य खिलाड़ी इस स्तर पर सफलता हासिल करने के लिए संघर्ष करते दिखते हैं। इस टूर्नामेंट का मतलब ही यही है कि यहां प्रतिभा का अवसर से मिलन होता है। लेकिन जहां तक इस सत्र में हैदराबाद की बात है तो ऐसा लगता है कि इस टीम में अवसर ही अवसर हैं लेकिन उतनी प्रतिभा नहीं।


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