सुनील गावस्कर : टी-20 क्रिकेट में गेंदबाज को मिल सकती है ये खास छूट
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | यूएई में इस समय इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के 13वें सीजन का आयोजन हो रहा है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए इसका आयोजन यहां हो रहा है। क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में बल्लेबाजों का दबदबा रहा है और सपाट पिचों पर गेंदबाजों के पास करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होता। लेकिन यूएई में जारी इस टूर्नामेंट में अब तक बल्लेबाज और गेंदबाजों के बीच बराबरी का मुकाबला देखने को मिला है जहां कुछ बल्लेबाजों ने शतक भी लगाए वहीं कई मौके पर गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी कर मैच को अपनी टीम की तरफ झुकाया। भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी कहा है कि टी-20 क्रिकेट अच्छी स्थिति में है और इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है लेकिन एक ओवर में दो बाउंसर की अनुमति दी जा सकती है।
यह पूछने पर कि क्या गेंदबाजों पर से दबाव कम करने के लिए नियमों में बदलाव लाजमी है, गावस्कर ने यूएई से पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि टी-20 क्रिकेट बहुत अच्छी स्थिति में है और बदलाव की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बल्लेबाजों के अनुरूप है लिहाजा तेज गेंदबाजों को हर ओवर में दो बाउंसर डालने की अनुमति दी जा सकती है और बाउंड्री थोड़ी बड़ी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले तीन ओवर में विकेट लेने वाले गेंदबाज को एक अतिरिक्त ओवर दिया जा सकता है लेकिन इस फॉर्मेट में कोई बदलाव की जरूरत मुझे नहीं लगती। नियमों के बारे में उन्होंने कहा कि टीवी अंपायर को यह जांचने का अधिकार होना चाहिए कि गेंदबाज के गेंद डालने से पहले सामने के छोर पर खड़ा बल्लेबाज क्रीज से बहुत बाहर तो नहीं आ गया है। गावस्कर ने कहा कि ऐसा होने पर गेंदबाज उस बल्लेबाज को गेंद डालने से पहले रन आउट कर सकता है। उन्होंने कहा कि टीवी अंपायर को लगता है कि नॉन स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज ज्यादा आगे आ गया है तो चौका होने पर भी एक रन काटने का दंड हो सकता है।
उन्होंने कहा कि टीवी अंपायर अब देख ही रहे हैं कि गेंदबाज ने क्रीज से बाहर आकर तो गेंद नहीं डाली यानी नोबॉल तो नहीं है। इसी तरह से नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज भी क्रीज से बाहर तो नहीं आया है, यह भी देखा जा सकता है। वह लगातार मांकडिंग शब्द के प्रयोग का विरोध करते आए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह भारत के महान क्रिकेटर वीनू मांकड़ का अपमान है। मांकड़ ने 1948 में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच एक टेस्ट के दौरान बिली ब्राउन को इसी तरह आउट किया था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान सर डॉन ब्रैडमेन ने कहा था कि मांकड़ अपनी जगह सही थे और नियमों के दायरे में ही उन्होंने ऐसा किया लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने उस विकेट को मांकडिंग कहा।
गावस्कर ने कहा कि पता नहीं खेल के मैदान पर इतने तथाकथित खेल भावना के विपरीत काम होते हुए भी इसी तरह के विकेट को नाम क्यों दिया गया। हम 'चाइनामैन' और 'फ्रेंच कट' के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात करते हैं तो इस शब्द का भी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने ऑफ स्पिनर आर अश्विन की तारीफ की जिन्होंने आरसीबी और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच के दौरान आरोन फिंच को क्रीज से बाहर निकलने पर चेतावनी दी लेकिन यह भी कहा कि अगली बार वह रन आउट कर देंगे। उन्होंने कहा कि अश्विन ने ऐसा करके कोच रिकी पोंटिंग के प्रति सम्मान जताया जो इस तरह के विकेट को लेकर नाराजगी जता चुके थे। इसके साथ ही उसने चेतावनी भी दे दी कि अब से कोई भी विकेट से बाहर निकलेगा तो वह रन आउट कर देंगे।