खेल
घरेलू क्रिकेटर्स को लेकर राज्य संघों को करनी चाहिए इस मामले में पहल : बीसीसीआई
Apurva Srivastav
15 May 2021 2:41 PM GMT
x
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “हम उस तरह से सोच सकते हैं
कोविड-19 (Covdi-19) के कारण पूरा विश्व मानो थम सा गया है. एक साल पहले इस महामारी ने दुनिया में कदम रखा था और अभी भी इस बीमारी ने सभी को परेशान कर रखा है. कई लोगों के रोजगार पर संकट भी है क्योंकि अधिकतर जगह लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में भारत के घरेलू क्रिकेटरों की स्थिति भी कुछ अलग नहीं हैं. वह भी अपनी आय के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं क्योंकि कोविड के कारण घरेलू टूर्नामेंट्स का होना भी मुश्किल से भरा रहा है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अभी भी कोविड के कारण प्रीमियर रणजी सहित अन्य घरेलू टूर्नामेंट्स के नहीं होने के बीच घरेलू क्रिकेटरों की आय में हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिबद्ध नहीं दिख रही है. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में राज्य संघों पर काफी कुछ निर्भर करता है.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "हम उस तरह से सोच सकते हैं, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि राज्य क्रिकेट संघ क्या सोचते हैं. हमें इसके लिए राज्य निकायों से बात करने की जरूरत है." राज्य क्रिकेट निकाय के एक अधिकारी ने कहा कि अगर बीसीसीआई मुआवजा देने का फैसला करता है, तो संघ के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन खिलाड़ियों का पता लगाना होगा जो खेल सकते थे. राज्य संघ के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "राज्य संघों को उन खिलाड़ियों की सूची देनी होगी जो पिछले साल खेले थे और जो इस साल खेल सकते थे. यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि इस साल कौन खेलेगा.
बीसीसीआई का ये था रुख
बीसीसीआई ने मुआवजे का विकल्प खुला रखा था, हालांकि इसके लिए प्रतिबद्ध नहीं था. बीसीसीआई की शीर्ष परिषद ने पिछले महीने 2021-22 के घरेलू सत्र को शुरू करने के लिए सितंबर को संभावित महीने के रूप में रखने का फैसला किया था.
पूर्व खिलाड़ियों की मदद के लिए आगे आया यूपीसीए
कुछ दिन पूर्व हालांकि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने कोविड के बुरे दौर में अपने पूर्व रणजी खिलाड़ियों की मदद करने का ऐलान किया था. उसने अपने पूर्व रणजी खिलाड़ियों के लिए नई योजना शुरू की है. यूपीसीए ने अपने द्वारा जारी बयान में लिखा ,"उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ द्वारा उन भूतपूर्व रणजी क्रिकेटर्स जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है, को एक मुश्त धनराशि, बतौर आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है. खिलाड़ियों को उनके रणजी मैच में प्रतिभाग (संख्या का आधार) के अनुसार वर्गीकरण किया गया है. एक से पांच मैच खेलने वालों को 50,000. छह से 15 मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 75,000 और 16 से 24 मैच खेलने वालों को 100,000 रुपये की मदद दी जाएगी.
Apurva Srivastav
Next Story