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बदलाव के दौर से गुजर रहा पूर्व चैंपियन श्रीलंका सोमवार को यहां क्वालीफायर में नामिबिया को हराकर टी-20 विश्व कप में अपने अभियान की शानदार शुरुआत करने के इरादे से उतरेगा।
बदलाव के दौर से गुजर रहा पूर्व चैंपियन श्रीलंका सोमवार को यहां क्वालीफायर में नामिबिया को हराकर टी-20 विश्व कप में अपने अभियान की शानदार शुरुआत करने के इरादे से उतरेगा। श्रीलंका ने 2014 में टी-20 विश्व कप जीता था लेकिन इसके अगले साल से उसके शीर्ष खिलाड़ियों ने संन्यास लेना शुरू कर दिया और उनके विकल्प टीम में उनकी जगह को भरने में नाकाम रहे। कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान, रंगना हेराथ, लसित मलिंगा, नुवान कुलशेखरा और तिसारा परेरा 2014 के बाद संन्यास लेने वाले मुख्य खिलाड़ी हैं।
खराब प्रदर्शन के कारण श्रीलंका की विश्व रैंकिंग में गिरावट आई जिसके कारण उसे सुपर 12 चरण में सीधे प्रवेश की जगह इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के पहले दौर में हिस्सा लेना पड़ रहा है। शीर्ष खिलाड़ियों के संन्यास के अलावा श्रीलंका को इंग्लैंड में बायो-बबल (कोरोना से बचाव के लिए खिलाड़ियों के लिए बनाया गया सुरक्षित माहौल) के उल्लंघन के कारण निरोशन डिकवेला, कुसाल मेंडिस और दनुष्का गुनतिलका जैसे खिलाड़ियों के निलंबन से भी जूझना पड़ रहा है।
इनकी गैरमौजूदगी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल में वनडे सीरीज के दौरान सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे चरिथ असालंका, अविष्का फनरंडो, कामिंदु मेंडिस और तेज गेंदबाज चमिका करुणारत्ने से टीम को काफी उम्मीदें होंगी। श्रीलंका के पास कलाई के स्पिनर वानिंदु हसारंगा भी हैं जो शीर्ष गेंदबाज के रूप में खुद को साबित कर चुके हैं। हसारंगा बल्ले से योगदान देने में भी सक्षम हैं और अब तक दो अर्धशतक जड़ चुके हैं।
नामिबिया की 18 साल बाद विश्व कप में वापसी हो रही है। टीम ने पिछली बार 2003 में विश्व कप में हिस्सा लिया था। नामिबिया पिछली बार विश्व कप में खेलते हुए छह मैचों में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाया था और टीम के मौजूदा कप्तान गेरहार्ड इरासमस उस समय सिर्फ सात साल के थे। टीम ने पिछले कुछ समय में अच्छा प्रदर्शन किया है और उसके श्रीलंका को कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है।
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