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बेंगलुरू। भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच यानेक शॉपमैन का मानना है कि आगामी एशियाई खेलों में ‘प्रबल दावेदार’ के रूप में उतरने वाली उनकी टीम के लिए दबाव से निपटना महत्वपूर्ण होगा। शॉपमैन ने हॉकी इंडिया की पॉडकास्ट श्रृंखला ‘हॉकी ते चर्चा’ पर कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एक व्यक्ति और एक टीम के रूप में खिलाड़ियों की जो मानसिकता है, उससे फर्क पड़ेगा। क्या हम दबाव में प्रदर्शन कर सकते हैं और हमारे सामने मौजूद परिस्थितियों से निपट सकते हैं उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले कुछ महीनों में इस बारे में बात की है और तोक्यो ओलंपिक में कमजोर टीम के विपरीत प्रबल दावेदार होने का क्या मतलब है।
कोच ने कहा, ‘‘हमने इस टीम से अपेक्षाओं के बारे में बात की है। हमने यह भी बताया है कि वहां कौन से खतरे हैं जो ध्यान भटका सकते हैं और हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं और हम उनसे कैसे निपट सकते हैं। नीदरलैंड की इस कोच ने कहा कि अगर उनकी टीम अपनी क्षमता से खेलती है तो हांगझोउ में स्वर्ण पदक जीत सकती है और अगले साल के पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई कर सकती है। शॉपमैन ने कहा, ‘‘यात्रा का आनंद लेना भी महत्वपूर्ण है।
मुझे उम्मीद है कि हम जीतेंगे, मुझे लगता है कि हम जीत सकते हैं लेकिन यह जीवन है और शायद ऐसा नहीं हो। भारत को एशियाई खेलों के पूल ए में दक्षिण कोरिया, मलेशिया, हांगकांग और सिंगापुर के साथ रखा गया है जबकि जापान, चीन, थाईलैंड, कजाखस्तान और इंडोनेशिया को पूल बी में रखा गया है। भारत 27 सितंबर को सिंगापुर के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद 29 सितंबर को मलेशिया, एक अक्टूबर को दक्षिण कोरिया और तीन अक्टूबर को हांगकांग से भिड़ेगा।
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