सिकंदर रजा का शानदार शतक भी जिम्बाब्वे को भारत के खिलाफ तीसरे वनडे में जीत नहीं दिला सका। मेहमान टीम ने हरारे में खेले गए आखिरी वनडे में 13 रन से जीत हासिल करते हुए 3-0 से वनडे सीरीज क्लीन स्वीप किया। 290 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाबे के बल्लेबाज रजा ने एक छोर संभाल कर रखा और टीम की जीत की उम्मीदों को कायम रखा था। सिकंदर रजा ने टारगेट का पीछा करते हुए भारत की मुश्किलें बढ़ा दी थी। इवांस के साथ मिलकर उन्होंने आठवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करके टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था। लेकिन शुभमन गिल के शानदार कैच की बदौलत भारत ने रजा को आउट करके मैच में वापसी की।
पारी में 9 चौके और 3 छक्के लगा चुके रजा बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में आउट हुए। उन्होंने लांग ऑन बाउंड्री पर छक्का मारने की कोशिश, लेकिन बाउंड्री पर खड़े गिल ने बिना देरी किए डाइव मारते हुए रजा का शानदार कैच लपका। गिल का ये कैच मैच का टर्निंग प्वाइंट भी रहा। क्योंकि रजा जिस समय आउट हुए जिम्बाब्वे को जीत के लिए 20 रन चाहिए थे। शानदार फील्डिंग के बाद गिल ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया।
शुभमन गिल के करियर के पहले अंतरराष्ट्रीय शतक के बाद गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से भारत ने बेहद करीबी मैच में जिंबाब्वे को सोमवार को 13 रन से हराकर तीन वनडे मैच की सीरीज में 3-0 से क्लीनस्वीप किया। भारत के 290 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की टीम आवेश खान, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, और दीपक चाहर की धारदार गेंदबाजी के सामने 49.3 ओवर में 276 रन पर सिमट गई।
सिकंदर रजा (95 गेंद में 115 रन, नौ चौके, तीन छक्के) और ब्रेड इवान्स (28) ने आठवें विकेट के लिए 104 रन जोड़कर उलटफेर की उम्मीद जगाई लेकिन टीम ने अंतिम तीन विकेट सिर्फ तीन रन पर गंवा दिए। सीन विलियम्स (46 गेंद में 45 रन) ने भी उपयोगी पारी खेली।
जिंबाब्वे के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में यह भारत की लगातार 15वीं जीत है। भारत ने यहीं तीन जून 2010 को सात विकेट की हार के बाद से जिंबाब्वे के खिलाफ कोई एकदिवसीय मैच नहीं गंवाया है। गिल ने 97 गेंद में 15 चौकों और एक छक्के की मदद से 130 रन की पारी खेलने के अलावा इशान किशन (61 गेंद में 50 रन, छह चौके) के साथ तीसरे विकेट के लिए 140 रन की साझेदारी की जिससे भारत ने आठ विकेट पर 289 रन का स्कोर खड़ा किया।