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भारतीय क्रिकेटर की हिम्मत को सलाम, बेटी के निधन के बाद लगाया शतक

Ritisha Jaiswal
26 Feb 2022 1:12 PM GMT
भारतीय क्रिकेटर की हिम्मत को सलाम, बेटी के निधन के बाद लगाया शतक
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क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां कोई अच्छा खेल दिखा के हीरो बनता है तो कोई खेल भावना दिखा के हीरो बन जाता है.

क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां कोई अच्छा खेल दिखा के हीरो बनता है तो कोई खेल भावना दिखा के हीरो बन जाता है. लेकिन इस बार रणजी ट्रॉफी में एक ऐसी घटना देखने को मिली है जिसने सभी का दिल जीत लिया. रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में बड़ौदा के बल्‍लेबाज विष्‍णु सोलंकी ( Vishnu Solanki) की कहानी सुनकर हर कोई हैरान है और विष्‍णु सोलंकी को सलाम भी कर रहा है. विष्‍णु सोलंकी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे है उन्‍होंने पिछले दिनों अपनी दोनों जिम्‍मेदारी निभाई. एक पिता और एक खिलाड़ी दोनों की जिम्‍मेदारी

विष्‍णु सोलंकी की दर्द भरी कहानी
रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के लिए खेलने वाले विष्णु सोलंकी ने चंडीगढ़ के खिलाफ शतक जड़ा है, शतक जड़ने के बाद विष्‍णु ने कोई जश्‍न नहीं मनाया. क्योंकि इस खिलाड़ी की नवजात बच्ची खराब सेहत के कारण इस दुनिया को छोड़ कर चली गई, लेकिन वे अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर मैदान पर उतरे और अपनी टीम के लिए शतक लगा दिया. उन्‍होंने 161 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से नाबाद 103 रन बनाए. बेटी की मौत से बुरी तरह टूटे सोलंकी ने चंडीगढ़ के खिलाफ मैदान पर कोहराम मचा दिया.
विष्‍णु सोलंकी की हिम्मत को सलाम
हर कोई सोलंकी की हिम्मत को सेल्‍यूट कर रहा है. सोशल मीडिया पर लगातार लोग उन्हें सलाम कर रहे हैं. सौराष्‍ट्र के विकेटकीपर बल्‍लेबाज शेल्‍डन जैक्‍सन ने ट्वीट कर विष्‍णु सोलंकी की तारीफ की और लिखा , 'मैं जितने खिलाड़ियों को जानता हूं शायद ही कोई इतना टफ प्लेयर हो. मेरी ओर से विष्णु और उनके परिवार को सलाम. मैं चाहूंगा कि अभी ऐसे और शतक उनके बल्ले से निकलते दिखें.' दूसरी ओर बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें रियल हीरो बताया.
सचिन-विराट भी इस दौर से गुजरे है
ऐसी घटना क्रिकेट में पहले भी हो चूकी है. 1999 वर्ल्ड कप के दौरान सचिन तेंदुलकर ने अपने पिता रमेश तेंदुलकर के निधन के तुरंत बाद शतक बनाया था. सचिन ने केन्या के खिलाफ 101 गेंदों पर 140 रन की पारी खेली थी. आज के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली के साथ भी रणजी मैच में कुछ ऐसा ही हुआ था. विराट पिता के निधन के बावजूद मैदान पर बल्लेबाजी करने आए थे और बेहतरीन अर्धशतक लगाते हुए अपनी टीम को हार से बचाया. इसके बाद वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में गए थे.


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