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सागर धनखड़ हत्या केस: सुशील कुमार ने दिल्ली कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका, कल हो सकती है सुनवाई
Deepa Sahu
4 Oct 2021 2:49 PM GMT
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सुशील कुमार ने दिल्ली कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका
दिल्ली पुलिस की मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने कहा था कि सुशील कुमार सागर और सोनू को सबक सिखाना चाहता था और अपनी शारीरिक ताकत के जरिए स्टेडियम में अपना वर्चस्व कायम करना चाहता था. ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में जमानत याचिका दाखिल की है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सुशील कुमार को 23 मई को गिरफ्तार किया था. रोहिणी कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है. याचिका में सुशील कुमार ने कहा कि पुलिस ने एक झूठा केस बनाया है और उन्हें एक "अपराधी की छवि" के रूप में पेश किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एडिशनल सेशंस जज शिवाजी आनंद कुमार की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेंगे. पीड़ित और शिकायतकर्ता सोनू की ओर से पेश हुए वकील नितिन वशिष्ठ ने कहा कि सुशील कुमार को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी होनी बाकी है और वे कुमार के साथ मिलकर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
सुशील कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप झूठे हैं और ऐसा उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने गलत तरीके से मामले को पेश किया और मीडिया में उनके और कुख्यात बदमाशों के बीच संबंधों को गलत तरीके से बताया गया. सुशील कुमार की तरफ से 16 पन्नों की जमानत याचिका वकील प्रदीप राणा ने फाइल की है. सुशील कुमार और उनके सहयोगियों ने संपत्ति विवाद को लेकर चार और 5 मई की दरम्यानी रात को स्टेडियम में 23 वर्षीय पहलवान सागर धनखड़, उनके दोस्त सोनू और तीन अन्य के साथ कथित तौर पर मारपीट की. बाद में, जख्मों के कारण सागर की मौत हो गई थी.
पुलिस चार्जशीट में सुशील कुमार मुख्य आरोपी
पुलिस ने 3 अगस्त को दायर अपने करीब 1,000 पन्नों के आरोप-पत्र में सुशील कुमार को घटना का मुख्य आरोपी बनाया था. जिसमें कहा गया, "मौजूदा घटना सोनू और सागर से बदला लेने के लिए आरोपी सुशील कुमार के साथ ही उनके सहयोगियों द्वारा रची गई साजिश है."
मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कहा कि सुशील कुमार सागर और सोनू को सबक सिखाना चाहता था और अपनी शारीरिक ताकत के जरिए स्टेडियम में अपना वर्चस्व कायम करना चाहता था. इसमें कारण भी बताए गए हैं कि क्यों कुमार और उनके सहयोगी बदला लेना चाहते थे.
पुलिस जांच में स्थापित किया गया कि यह घटना सागर और सोनू द्वारा कुमार के फ्लैट को खाली करने की शुरुआती अनिच्छा और स्टेडियम में हुई इस 'फुसफुसाहट' के कारण हुई कि ओलंपिक पहलवान दोनों से डर गया था और उनका सामना नहीं कर सकता. पुलिस के मुताबिक, दूसरा कारण यह था कि कुमार को इस बात का बहुत ज्यादा शक था कि उसके द्वारा प्रशिक्षित पहलवान उनके आने-जाने की सूचनाएं सागर और सोनू को दे रहे थे तथा सोनू उनको नुकसान पहुंचा सकता था क्योंकि उसका आपराधिक रिकॉर्ड बहुत विस्तृत था.
आरोप-पत्र में कहा गया, "उसे जब महसूस हुआ कि उसके अपने कुछ प्रशिक्षु सोनू और सागर को उनकी जानकारी पहुंचा रहे हैं, उसने ठगा हुआ महसूस किया और इसलिए अपने छात्रों के बीच सम्मान कम होने के कारण उन्हें सागर और सोनू से बहुत शिकायत थी." आरोप-पत्र में मुख्य आरोपी सुशील कुमार समेत 13 आरोपियों के नाम हैं.
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