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Rubina Francis ने पिस्टल में ब्रॉन्ज जीतकर रचा इतिहास

Rajesh
1 Sep 2024 7:21 AM GMT
Rubina Francis ने पिस्टल में ब्रॉन्ज जीतकर रचा इतिहास
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Spotrs.खेल: भारत की रूबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालंपिक खेलों के तीसरे दिन यानी शनिवार 31 अगस्त 2024 को महिला एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर देश को निशानेबाजी में चौथा पदक दिलाया। इसके साथ ही पेरिस पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 5 हो गई। रूबीना फ्रांसिस पैरालंपिक में पिस्टल इवेंट में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। रुबीना टोक्यो पैरालंपिक में भी फाइनल खेली थीं, लेकिन तब वह 7वें स्थान पर रहीं थी। इस बार वह पोडियम फिनिश करने में सफल रहीं। बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार और सुकांत कदम सेमीफाइनल में पहुंच गए। सुकांत कदम पुरुष एकल SL4 सेमीफाइनल में हमवतन सुहास एल यतिराज से भिड़ेंगे। जिससे इस स्पर्धा में भारत का एक पदक पक्का हो गया।
महिला कंपाउंड तीरंदाजी में मिली निराशा
हालांकि, तीसरे दिन महिला कंपाउंड तीरंदाजी में निराशा देखने को मिली। पहले, दूसरी वरीयता प्राप्त शीतल देवी टोक्यो रजत पदक विजेता मारियाना जुनिगा से राउंड ऑफ 16 में हार गईं। इसके बाद सरिता कुमारी विश्व चैंपियन ओजनूर क्यूर से हार गईं। हालांकि, शीतल देवी के पास अब भी पदक जीतने का मौका है। वह मिक्स्ड टीम इवेंट राकेश कुमार के साथ हिस्सा लेंगी।
140 करोड़ भारतीयों का टूटा दिल
शीतल देवी के हारने से 140 करोड़ भारतीयों को निराशा हुई, क्योंकि पेरिस पैरालंपिक में वह भारत की ओर से गोल्ड मेडल की दावेदार मानी जा रही थीं। सभी की निगाहें जम्मू-कश्मीर की इस तीरंदाज पर थीं। उन्होंने 703 का स्कोर बनाकर पिछले 698 के विश्व रिकॉर्ड को बेहतर किया था।
शीतल ने पहला सेट 29-28 से अपने नाम किया, लेकिन चिली की तीरंदाज ने दूसरे सेट में 27-26 की जीत से बराबरी हासिल की। अगले आठ तीर में कांटे की टक्कर रही जिसमें चिली की तीरंदाज मारियाना ने अंतिम तीर में नौ अंक हासिल किया, जबकि शीतल 8 अंक का ही स्कोर कर पाईं और महज एक अंक से पदक की रेस से बाहर हो गईं।
रूबीना ने फ्रांस की राजधानी के लिए रवाना होने से कुछ दिन पहले ‘द्विपक्षीय’ (बाईपारटाइट) वाइल्डकार्ड नियम के अंतर्गत पेरिस पैरालंपिक कोटा हासिल किया था। एसएच1 वर्ग में वे पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के बंदूक संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं।
मैकेनिक की बेटी हैं रूबीना फ्रांसिस
मध्य प्रदेश के जबलपुर में मैकेनिक की बेटी रूबीना का जन्म एक पैर में दिव्यांगता के साथ हुआ था। दिग्गज भारतीय निशानेबाज गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों से प्रेरित होकर वह निशानेबाजी में आईं। उनके पदक जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, ‘भारत के लिए एक और गौरवपूर्ण क्षण। रूबीना ने पैरालंपिक 2024 में पी2 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक जीता। उनके असाधारण ध्यान, दृढ़ संकल्प और दृढ़ता ने शानदार परिणाम दिया।’
नितेश और सुकांत मेन्स सिंगल्स बैडमिंटन के सेमीफाइनल में पहुंचे
भारतीय शटलर नितेश कुमार और सुकांत कदम ने अपने-अपने आखिरी ग्रुप मैच में सीधे गेम में जीत दर्ज की। नितेश ने पुरुष एकल SL3, जबकि सुकांत ने SL4 श्रेणी के सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई किया। पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाले नितेश ने थाइलैंड के मोंगखोन बुनसुन को 21-13, 21-14 से हराकर लगातार तीसरी जीत हासिल की और ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया। SL3 वर्ग निचले अंगों की गंभीर विकलांगता वाले खिलाड़ियों के लिए है। वे आधी चौड़ाई वाले कोर्ट पर खेलते हैं।
बैडमिंटन SL4 वर्ग में भारत का पदक पक्का
पुरुष एकल SL4 वर्ग में सुकांत ने थाइलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप बी में शीर्ष स्थान हासिल किया। वह हमवतन सुहास यतिराज के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। तीन खिलाड़ियों के ग्रुप में यह उनकी लगातार दूसरी जीत थी।
सुकांत ने पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता था। SL4 स्पर्धा में वे एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनके निचले अंग में कमजोरी होती है और जन्हें चलने या दौड़ने में संतुलन की मामूली समस्या होती है। सेमीफाइनल में सुकांत के सामने टोक्यो पैरालंपिक के रजत पदक विजेता सुहास की चुनौती होगी।
साइकिलिंग और नौकायन में भी मिली निराशा
भारत को तीरंदाजी के अलावा साइकिलिंग और नौकायन में भी निराशा का सामना करना पड़ा। साइकिलिंग में अरशद शेख और ज्योति गडेरिया अपने-अपने ट्रैक स्पर्धा में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और क्वालिफिकेशन राउंड में हारकर बाहर हो गए। पुरुषों के 1,000 मीटर टाइम ट्रायल सी13 के क्वालिफाइंग चरण में शेख 1:21.416 के समय के साथ निचले (17वें) पायदान पर रहे। वह शुक्रवार को पुरुषों की 3,000 मीटर परस्यूट सी2 स्पर्धा में भी विफल रहे थे।
ज्योति गडेरिया भी महिलाओं की 500 मीटर टाइम ट्रायल सी1-3 क्वालिफाइंग स्पर्धा में 49.233 के समय से निचले (11वें) स्थान पर रहीं। गुरुवार को वह महिलाओं की 3,000 मीटर परस्यूट सी1-3 क्वालिफाइंग स्पर्धा में भी निचले स्थान पर रही थीं। ये दोनों भारतीय अब रोड साइकिलिंग स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। सी1 से सी5 एकल श्रेणियां हैं जिनमें कृत्रिम अंग या ऊपरी या निचले अंगों की सीमित गतिशीलता वाले एथलीट भाग लेते हैं।
भारतीय नौकाचालक अनिता और नारायण कोंगनापल्ले मिश्रित PR3 डबल स्कल्स स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहे। यह जोड़ी 7:54.33 सेकेंड से यूक्रेन (7:29.24 सेकेंड) और ब्रिटेन (7:20.53 सेकेंड) से पीछे रही। भारतीय जोड़ी अब फाइनल बी में प्रतिस्पPRर्धा करेगी जो सातवें से 12वें स्थान के लिए होती है। PR3 श्रेणी में वे पैरा एथलीट खेलते हैं जिनके पैर कोई काम नहीं कर सकते। वे सीट को स्लाइड कर सकते हैं।
इस प्रकार रही पेरिस पैरालंपिक के तीसरे दिन पदक तालिका
स्थान देश स्वर्ण रजत कांस्य कुल
19 भारत 1 1 3 5
1 चीन 16 12 6 34
2 ब्रिटेन 6 7 4 17
3 नीदरलैंड्स 5 2 1 8
4 ब्राजील 5 1 9 15
5 ऑस्ट्रेलिया 4 3 3 10
6 फ्रांस 3 5 7 15
7 इटली 3 2 8 13
8 उज्बेकिस्तान 3 2 3 8
9 साउथ कोरिया 2 2 4 8
10 कोलंबिया 2 1 1 4

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