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वेस्ट इंडीज में जन्म लेकर भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी हैं रॉबिन सिंह

Tara Tandi
14 Sep 2021 2:21 AM GMT
वेस्ट इंडीज में जन्म लेकर भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी हैं रॉबिन सिंह
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भारतीय क्रिकेट में आया वो अपने तरीके का पहला खिलाड़ी था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में आया वो अपने तरीके का पहला खिलाड़ी था. ऐसा इसलिए क्योंकि उसका जन्म वेस्ट इंडीज में हुआ था, पर उसने क्रिकेट भारत के लिए खेली थी. साल था 1963 और जगह थी त्रिनिदाद, जन्म की तारीख 14 सितंबर. उस लिहाज से आज उस खिलाड़ी का 58वां जन्मदिन है. और, ये एक बड़ी वजह है आज उसका जिक्र छेड़ने की. पूरा नाम तो वैसे रबींद्र रॉबिन सिंह था. पर भारतीय क्रिकेट में आने के बाद वो सिर्फ रॉबिन सिंह (Robin Singh) के नाम से ज्यादा जाने गए. 90 के दशक में क्रिकेट में रॉबिन सिंह दो बातों को लेकर मशहूर हुए. एक तो वनडे के स्पेशलिस्ट खिलाड़ी के तौर पर और दूसरा अपनी चुस्त फील्डिंग को लेकर.

त्रिनिदाद में जन्में रॉबिन सिंह को भारतीय क्रिकेट में एंट्री कैसे मिली, अब जरा वो भी जान लीजिए. दरअसल, 1984 में उनके माता-पिता ने भारत का रुख कर लिया. यहां आए तो रॉबिन सिंह ने क्रिकेट को करियर बनाने के लिए त्रिनिदाद एंड टोबेगो की नागरिकता छोड़ दी. और बस यहीं से वो रास्ता अख्तियार हुआ, जिसने उन्हें टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका दिया. पहले तो वो भारत की घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए खेलने लगे. उसकी कप्तानी भी की और साल 1988 में 33 साल के सूखे को खत्म करते हुए उसे रणजी ट्रॉफी चैंपियन भी बनाया. तमिलनाडु की कप्तानी के अलावा रॉबिन सिंह ने साउथ जोन की भी कमान संभाली.

वेस्ट इंडीज के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू

फिर आया साल 1989. इस साल 11 मार्च को रॉबिन सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के लिए डेब्यू किया. और, किस्मत का खेल देखिए, डेब्यू किया भी तो उस देश की टीम के खिलाफ जहां वो जन्में थे- वेस्ट इंडीज. लेकिन, वेस्ट इंडीज के खिलाफ सीरीज के बाद रॉबिन को टीम से ड्रॉप कर दिया गया. और फिर 7 साल तक उनकी वापसी नहीं हुई. लेकिन, साल 1996 में टाइटन कप के लिए जब वो फिर एक बार टीम में आए तो अपनी जगह सॉलिड करने का मौका हाथ से जाने नहीं दिया. उसके बाद वो बतौर ऑलराउंडर 2001 तक टीम से जुड़े रहे. 1999 के वर्ल्ड कप में वो भारतीय टीम का हिस्सा रहे और टाउंटन में श्रीलंका के खिलाफ खेले मैच में 31 रन देकर 5 विकेट भी चटकाए. रॉबिन सिंह ने अपने करियर में कुल 136 वनडे खेले, जिसमें उन्होंने 2336 रन बनाए. इस दौरान उनका सबसे बड़ा स्कोर पूरे 100 रन का रहा, जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में साल 1997-98 में बनाया था.

क्रिकेट छोड़ने के बाद रॉबिन सिंह

मद्रास यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में मास्टरी यानी एमए इन इकॉनोमिक्स की पढ़ाई करने वाले रॉबिन सिंह साल 2004 में क्रिकेट से जब रिटायर हुए, तो उसके बाद उन्होंने कोचिंग में हाथ आजमाए. टीम इंडिया के फील्डिंग कोच बनने से पहले वो भारत की जूनियर और ए टीम के भी कोच रहे. वो IPL में मुंबई इंडियंस तो CPL में बारबाडोस ट्राइडेंट्स के फील्डिंग कोच हैं. IPL के शुरुआती सालों में उन्होंने डेक्कन चार्जर्स टीम को भी कोचिंग दी थी.

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